हाईकोर्ट ने खारिज की एनोस एक्का दंपति का याचिका
20 करोड़ 31 लाख 77 हजार रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के जुर्म में एनोस एक्का सजायाफ्ता हैं
रांची : मनी लॉन्ड्रिंग के केस में दोषी पूर्व मंत्री एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने उनकी अपील याचिका खारिज करते हुए कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने एनोस एक्का की अपील पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था।
झारखंड के पूर्व विधायक एनोस एक्का और उनकी पत्नी मेनन एक्का को हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने अपील खारिज करते हुए ईडी कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने पहले ही इस मामले पर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।
झारखंड हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस गौतम चौधरी की अदालत ने शुक्रवार को एनोस की याचिका पर फैसला सुनाया। एनोस एक्का ने कोर्ट और सीबीआई कोर्ट द्वारा अलग-अलग मामलों में दोषी करार दिया था। पूर्व मंत्री एनोस एक्का ने झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने सभी पक्षों को सुनने के बाद उनकी और उनकी पत्नी की याचिका खारिज कर दी है।
20 करोड़ 31 लाख 77 हजार रुपये के मनी लॉन्ड्रिंग के जुर्म में एनोस एक्का सजायाफ्ता हैं। एनोस फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। मधु कोड़ा की सरकार में मंत्री रहे एनोस एक्का ने ढेर सारी संपत्ति अर्जित की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व मंत्री की 150 करोड़ रुपये से अधिक की चल और अचल संपत्ति को पूर्व में ही जब्त कर चुका है।
सीबीआई की विशेष अदालत ने आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के जुर्म में 26 फरवरी 2020 को एनोस को 7 वर्ष सश्रम कारावास की सजा दे चुकी है। एनोस फिलहाल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार में बंद हैं। एनोस एक्का पर अक्तूबर 2009 में मनी लॉन्ड्रिंग का मुकदमा दर्ज किया गया था।
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट में ईडी ने कुल 56 गवाहों के बयान दर्ज करवाए हैं, जबकि एनोस ने अपने बचाव में 71 गवाहों के बयान दर्ज कराए हैं। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान ईडी की टीम ने आरोपी एनोस द्वारा खरीदी गई अचल संपत्ति से जुड़े 116 बिक्री पट्टों को अदालत में चिह्नित करवाया गया है। ईडी के विशेष लोक अभियोजक कोर्ट में बहस करते समय इन दस्तावेजों को मुख्य सबूत बताया।
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