हाईकोर्ट ने जेपीएससी से मांगा जवाब
एसडीओ से निर्गत जाति प्रमाण पत्र होने के बावजूद चयनित नहीं किए जाने का मामला
रांची : सातवीं जेपीएससी परीक्षा में एसडीओ द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र होने के बावजूद चयनित नहीं किए जाने को लेकर कुमारी सुमित एवं रसिक जमुदा की याचिका की सुनवाई झारखंड हाईकोर्ट में हुई। हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति आनंद की कोर्ट ने मामले में जेपीएससी को 4 सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।
उक्त परीक्षा में अनुसूचित जनजाति कैंडिडेट कुमारी सुमित को 562 अंक एवं रसिक जमुना को 576 अंक आए थे। जबकि अनुसूचित जनजाति के लिए इस परीक्षा में कट ऑफ मार्क्स 555 था। जेपीएससी द्वारा साक्षात्कार में बुलाए जाने के बाद भी इनका सिलेक्शन नहीं किए जाने के बाद उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता शैलेश कुमार सिंह ने पैरवी की। सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर से कहा गया की एसडीओ चक्रधरपुर ने जो सर्टिफिकेट निर्गत किया है वह सीओ के द्वारा निर्गत सर्टिफिकेट के बेसिस पर किया है। जाति प्रमाण पत्र का निरीक्षण कर सर्टिफिकेट की जांच के बाद जेपीएससी ने इन्हें इंटरव्यू में बैठने दिया था,
इसलिए इनका सिलेक्शन किया जाना चाहिए था। मामले में जेपीएससी का कहना था कि एसडीओ ने जो कास्ट सर्टिफिकेट दिया है वह केंद्र सरकार द्वारा नियुक्ति के लिए निर्गत किया गया है, जबकि अभ्यर्थियों को राज्य सरकार के द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र लगाना था।