हाईकोर्ट में सशरीर हाजिर हुए उच्च शिक्षा सचिव
कोर्ट ने सरकार से पूछा है एकल पीठ के आदेश में क्या है त्रुटियां
रांची: एएस कॉलेज, देवघर के शिक्षकों के बकाया वेतन भुगतान से संबंधित एकल पीठ के आदेश के खिलाफ दायर सिद्धो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी और राज्य सरकार की अपील की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में सोमवार को हुई।
सुनवाई के दौरान उच्च शिक्षा सचिव कोर्ट में सशरीर उपस्थित हुए। कोर्ट ने उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है, पूछा है कि एकल पीठ के आदेश में क्या-क्या त्रुटियां रही हैं। हाई कोर्ट के जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की। अगली सुनवाई की तिथि 22 दिसंबर निर्धारित की गई है।
दरअसल पूर्व की सुनवाई में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने यह स्पष्ट करते हुए राज्य सरकार को शपथ पत्र दायर करने को कहा था कि जब आप एकल पीठ के आदेश से प्रभावित नहीं है तो आपने क्यों अपील दायर किया।
कोर्ट ने सिद्धो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी को भी निर्देश दिया था कि शिक्षकों के बकाया वेतन से संबंधित पूरी फाइल को सीलबंद कोर्ट में प्रस्तुत करें तथा किन परिस्थितियों में आपने एकल पीठ के आदेश के खिलाफ एलपीए दाखिल करने का निर्णय लिया है उसे प्रतिशपथ पत्र दाखिल कर बताए।
क्या है मामला
एएस कॉलेज, देवघर में वर्ष 1990 के आसपास कई शिक्षक बहाल किए गए थे। हाईकोर्ट की एकल पीठ ने वर्ष 2018 में इन शिक्षकों को नियमितीकरण से वंचित रखते हुए यह आदेश पारित किया था कि जिस अवधि में प्रार्थी शिक्षकों के द्वारा शिक्षण कार्य किया गया है उस अवधि का उन्हें लोएस्ट वेतनमान दिया जाए।
एकल पीठ के आदेश के आलोक में सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी के द्वारा राज्य सरकार से उक्त शिक्षकों के बकाया वेतन आदि की मांग की गई थी।
उसके बाद राज्य सरकार ने सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी को निर्देश दिया कि या तो वह अपने आंतरिक स्रोत से प्रार्थी शिक्षकों के वेतन का भुगतान करें या एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में एलपीए दायर करें। इसके बाद राज्य सरकार और सिदो कान्हू मुर्मू यूनिवर्सिटी दोनों की ओर से हाईकोर्ट की एकल पीठ के आदेश के खिलाफ खंडपीठ में अपील दायर की गई है।
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