काकू और बालू के कारण अस्पताल अस्त-व्यस्त

एसएसएसकेएम अस्पताल के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर

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कोलकाता, सूत्रकार : एसएसएसकेएम अस्पताल भ्रष्टाचार के आरोपियों के इलाज का ठिकाना बन गया है। प्रभावशाली लोग अस्पताल के बिस्तरों पर कब्जा कर रहे हैं। लेकिन आम लोगों को इलाज के लिए बेड नहीं मिल रहा है। प्रदेश के एक महत्वपूर्ण अस्पताल की चिकित्सा सेवाओं का दुरुपयोग किया जा रहा है। इस आरोप के साथ कलकत्ता हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है। मामले में याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रभावशाली लोगों ने इलाज की जरूरत नहीं होने के बावजूद अस्पताल में बिस्तरों पर कब्जा कर लिया। वहां उनका ‘फर्जी इलाज’ चल रहा है। नतीजतन, आम लोगों को अस्पताल के बिस्तरों से वंचित होना पड़ रहा है। गंभीर रूप से बीमार मरीजों को बिस्तर नहीं मिलने पर काफी देर तक इंतजार करना पड़ता है। उन्हें उचित इलाज नहीं मिल पा रहा है।

शिकायतकर्ता ने कहा कि उस अस्पताल में इलाजरत सभी आरोपियों की मेडिकल रिपोर्ट लायी जाये। उस रिपोर्ट को किसी अन्य केंद्रीय अस्पताल द्वारा सत्यापित किया जाना चाहिए। वहीं, याचिकाकर्ता ने मांग की कि अदालत केंद्रीय जांच एजेंसी को अस्पताल में भर्ती आरोपियों के केस रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दे। मालूम हो कि यह मामला वकील रामप्रसाद सरकार ने हाईकोर्ट में दायर किया था। उनके मुताबिक, ये सवाल आम लोगों का है। यह मामला व्यापक जनता के हित में दायर किया गया है।

ज्योतिप्रिय मल्लिक उर्फ बालू और सुजयकृष्ण उर्फ काकू के कारण आम आदमी को इलाज से वंचित किया जा रहा है। अस्पताल में सभी को समान इलाज मिले इसकी व्यवस्था की जाए। प्रभावशाली व्यक्तियों को अधिक महत्व नहीं देना चाहिए। मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष जनवरी के पहले सप्ताह में सुनवाई होने की संभावना है।