IAS छवि रंजन को जेल में जान का डर, तो कुख्यात गैंगस्टर अमन को अंधेरे का भय

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रांची : अलग – अलग तरीको से खौफ पैदा करने वाले 2 कैदी जेल में बंद खुद हुए खौफजदा, एक अपने पद के धौस से कई जालसाज़ी में शामिल है. जमीन बेचने से लेकर समेत कई घोटालों के उसपे आरोप है. वह अपने कारनामों के चलते  शुरू से ही विवादों में रहे हैं. मैं बात कर रही हूँ निलंबित IAS छवि रंजन की जिसने अपनी छवि को अपने कारनामों से धूमिल कर लिया. वही दूसरी और व्यवसायियों और ठेकेदारों में अपना खौफ पैदा करके रंगदारी वसूलने वाला 32 वर्षीय कुख्यात गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव. ये दोनों रंगदार जेल के कोठरी में बंद आज खुद हुए है खौफजदा छवि रंजन को जहाँ अपने जान का डर है. वही अमन श्रीवास्तव को कालकोठरी के अंधेरों से फोबिआ है. बता दे कि रांची के होटवार जेल में बंद निलंबित आईएएस छवि रंजन को अब अपनी सुरक्षा की चिंता सताने लगी है. उन्होंने जेल प्रशासन से 8 दुर्दात अपराधियों से अपनी जान को खतरा बताया है.

 

निलंबित IAS छवि रंजन को है अपने जान का डर :

सूत्रों का कहना है कि छवि रंजन ने मौखिक रूप से जेल प्रशासन से अपनी सुरक्षा बढ़ाए जाने को कहा है. दरअसल, वर्ष 2022 में एसएसपी सुरेंद्र कुमार झा की अनुशंसा पर रांची डीसी रहते छवि ने क्राइम कंट्रोल एक्ट के तहत 10 अपराधियों पर कार्रवाई की थी. ये ऐसे अपराधी थे. जिन्हें जल्द ही जमानत मिलने वाली थी, लेकिन सीसीए लगने की वजह से किसी भी अपराधी को जमानत नहीं मिली. अपराधियों को इसकी जानकारी मिली थी. कि डीसी द्वारा सीसीए लगाए जाने से वह जेल से बाहर नहीं निकल पाए चूंकि अब छवि रंजन खुद होटवार जेल में बंद हैं. जबकि इनकी वजह से जेल में पहले से बंद अपराधियों से सुरक्षा की चिंता होने लगी है. जेल में शुरुआती दिनों में छवि रंजन अपने वार्ड से निकलकर टहलते हुए. जेल के मुख्य गेट तक पहुंच जाते थे. इस दौरान वहां बंद कई कैदियों से आमना-सामना भी होता था. उनका अचानक एक दिन वैसे कैदी से आमना-सामना हो गया, जिसपर उन्होंने सीसीए लगाया था. उक्त कैदी ने उनको कुछ बोला तो नहीं, पर उसके तेवर देखकर खुद को वार्ड में रिजर्व करना ही उचित समझा. इस पर प्रशासन का कहना है की जेल में छवि रंजन की सुरक्षा को लेकर कोई कोताही नहीं बरती जा रही है. अपराधियों को उनके वार्ड की ओर जाने की सख्त मनाही है.

 

गैंगस्टर अमन श्रीवास्तव क्लॉस्ट्रोफिबिया से है पीड़ित :

वही दूसरी और गैंगेस्टर अमन श्रीवास्तव सलाखों के पीछे बंद कमरे में वह डरा और सहमा रहा है. सूत्रों के अनुसार उसने जेल प्रशासन को बताया है कि बचपन से ही वह क्लॉस्ट्रोफिबिया डिसऑर्डर से पीड़ित है. इसका मतलब की उसे बंद स्थानों से भय है. इस मनोरोग की जानकारी के बाद बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार के अधीक्षक के साथ-साथ जेल के चिकित्सक भी परेशान हैं. अपराधी अमन श्रीवास्तव से जब जेल डॉक्टर ने पूछताछ की तो उसने क्लॉस्ट्रोफिबिया के बारे में जानकारी दी. जिसका इलाज जरूरी है. उचित इलाज के लिए  उसे जल्द मनोचिकित्सक के साथ-साथ मनोवैज्ञानिक से जांच कराने की जरूरत है. सुरक्षा कारणों से जेल में ही इलाज कराने का प्रयास किया जा रहा जेल अधीक्षक को जबसे इस रोग का पता चला है, वे परेशान हैं. हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से अमन को रिनपास या कहीं और लेजाकर इलाज कराना जोखिम भरा है. सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए जेल अधीक्षक रिनपास के चिकित्सकों की टीम को ही जेल में बुलाकर उसका इलाज कराना चाह रहे हैं. इस संबंध में रिनपास को पत्र लिखा गया है.