पद का दुरूपयोग कर खुद ही अपनी छवि को दागदार किया IAS छवि रंजन ने

घोटाले के आरोप में जेल जाने वाले राज्य के दूसरे IAS अधिकारी हैं छवि रंजन

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रांची :  समाज कल्याग विभाग के निदेशक और रांची के पूर्व डीसी छवि रंजन की गिरफ्तारी के बाद सीबीआई कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया गया, कयास लगाए जा रहे थे कि ईडी कोर्ट से रिमांड लेकर और पूछताछ करेगी. लेकिन उन्हें जेल भेज दिया गया. जमीन घोटाले मामले को लेकर छवि रंजन से 24 अप्रैल और 4 मई को दो बार पूछताछ हुई, हालांकि पूछताछ के दौरान छवि रंजन ईडी के बहुत सारे सवालों का जवाब नहीं दे पाए, यहाँ तक कि उनके खिलाफ घोटाले के पर्याप्त सबूतों पर भी चुप्पी साधे रहे, जिसके बाद ईडी ने गिरफ्तार कर लिया. रांची डीसी रहने के दौरान छवि रंजन के कार्यकाल में बड़े पैमाने पर फर्जी कागजात के आधार पर जमीन की खरीद बिक्री की गयी, जिसमें बारियातु में 4.55 एकड़ सेना की जमीन को फर्जी कागजात पर कोलकता के प्रदीप बाग़ची ने जगत बंधु टी स्टेट को बेच दी. इस जमीन की सरकारी कीमत 20 करोड़ 75 लाख से भी अधिक थी, लेकिन इसकी क़ीमत महज 7 करोड़ दिखाई गयी, उसमे से 25 लाख रूपये प्रदीप बाग़ची के खाते में आई, बाकि पैसे की चेक भुगतान के जरिये करने की जानकारी डीड 6888/2021 में दी गयी थी, लेकिन जाँच में पता चला कि खातों में पैसे गए नहीं, डीड में गलत जानकारी दी गयी थी. ऐसा इसलिए किया गया कि जमीन की खरीद बिक्री सही प्रतीत हो.

 

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दो मामले में गिरफ्तार है आईएएस छवि रंजन

सेना की जमीन के आलावा दो मामले में गिरफ्तार आईएएस छवि रंजन की भूमिका काफ़ी संदेहास्पद रहा है. पूर्व कमिश्नर नितिन मदन कुलकर्णी ने भी छवि रंजन की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे. सब रजिस्ट्रार  ने भी अपने बयान में कहा था कि जमीन कि रजिस्ट्री डीसी के आदेश पर ही हुआ है. छवि रंजन के कार्यकाल में ही रांची के बाजरा में 7.16 एकड़ जमीन की घेराबंदी से लेकर दाखिल ख़ारिज तक में सक्रिय भूमिका रही, 83 साल का दाखिल ख़ारिज एक ही दिन में करा दिया, इस जमीन की सरकारी दर 29.88 करोड़ की जगह महज 15 करोड़ ही दर्शाया गया. तीसरा मामला चेशायर होम की एक एकड़ जमीन को लेकर भी छवि रंजन की भूमिका काफ़ी संदिग्ध थी. इसमें गिरफ्तार प्रेम प्रकाश का भी नाम आया था. जमीन खरीद बिक्री के बाद छवि रंजन के परिजनों के खातों में बड़े ट्रांजेक्शन और लाभान्वित के पुख्ता सबूत ईडी को लगे थे, जिसके बाद ही छवि रंजन पर शिकांजा कसा गया और अंततः गिरफ्तार कर जेल भेजे गए.

 

जेल जाने वाले दूसरे आईएएस

मनरेगा घोटाला में जेल में बंद आई ए एस पूजा सिंघल के बाद छवि रंजन दूसरे आई ए एस अधिकारी हैं, जिन्हें जेल जाना पड़ा है. छवि रंजन को पहले ही आभास हो चूका था कि वे कभी भी ईडी के शिकांजे में आ सकते हैं, इसका सबूत उनके आवास पर पहली छपामारी में बरामद एक प्रश्नोत्तरी से मिला था, जिसमें ईडी उनसे क्या सवाल करेगी और वें क्या जवाब देंगे यह लिखा था, फिर ईडी के समन पर छवि रंजन टाल मटोल कि कोशिश की, लेकिन ईडी के आगे उनकी एक नहीं चली. गिरफ्तार आईएएस छवि रंजन अपने पद का गलत इस्तेमाल कर घोटाले में फंस गए और अपनी छवि को दागदार कर लिया.