पलामू : पूर्व विधायक राधाकृष्ण किशोर ने सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण प्रतिवेदन पर सवाल उठाया है। किशोर ने मंगलवार को कहा कि सत्तर के दशक से केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा सुखाड़ोन्मुख तथा गरीबी उन्मूलन के लिए चलायी जा रही बहुउद्देशीय योजनाओं के बाद भी पलामू के ग्रामीण क्षेत्र में आर्थिक बदलाव में बहुत फर्क नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सुखाड़, बेरोजगारी तथा पलायन का दंश झेल रहे जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय बहुत ही कम है। भले ही सरकार के आर्थिक सर्वेक्षण प्रतिवेदन में वर्तमान मूल्य पर झारखंड का प्रति व्यक्ति आय 80 हजार रुपये प्रतिवर्ष बताया गया है लेकिन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति आय का सही मूल्यांकन कराया जाए तो स्थिर और वर्तमान मूल्य के आधार पर प्रति वर्ष प्रति व्यक्ति आय 40-50 हजार रुपये से अधिक नहीं होगी।
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उल्लेखनीय है कि जिले में लगभग 18 लाख लोग (कुल जनसंख्या का 70 प्रतिशत) मुफ्त अनाज योजना से लाभान्वित हैं। प्रश्न उठता है कि जब 18 लाख अत्यंत गरीब व्यक्ति मुफ्त अनाज योजना से लाभान्वित हैं तो उनकी आय प्रतिवर्ष 80 हजार रुपये कैसे हो सकती है? नीति आयोग द्वारा बहुउद्देशीय गरीबी के लिए निर्धारित 12 मापदंड पोषण, बाल मृत्यु दर, मातृत्व स्वास्थ्य, शुद्ध पेयजल, स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में भी पलामू पीछे है। अधिकतर महिलाएं और बच्चे कुपोषण तथा खून की कमी से प्रभावित हैं।