कोलकाता, सूत्रकार : तालाब पाटकर अवैध निर्माण के मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट सख्त है। डिविजन बेंच के मुख्य न्यायाधीश टीएस शिवगणनम ने कोलकाता नगर निगम पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। इसके बाद कोर्ट ने निगम को जमकर फटकार लगायी।
कलकत्ता हाई कोर्ट ने अवैध निर्माण मामले में राज्य से रिपोर्ट सौंपने को कहा था। चीफ जस्टिस की डिविजन बेंच को सौंपी गई रिपोर्ट के मुताबिक, 2021 तक 4 हजार 222 तालाब भरे जा चुके हैं। तब से यह पूरी तरह से बंद है। राज्य सरकार से मुख्य न्यायाधीश ने सवाल किया कि आपको नहीं पता कि तालाब को पाट कर कहां अवैध निर्माण किया गया है? अवैध निर्माण से संबंधित कितने निर्देशों का पालन किया गया? चीफ जस्टिस ने यह भी कहा कि ये वोट बैंक है। लेकिन कुछ तो करना ही पड़ेगा।
जल निकायों से संबंधित कई मामले हैं। आप क्या कर रहे हो यदि आप चाहें तो समस्या का समाधान हो जाता है। यदि आप यह नहीं चाहते, तो यह कभी संभव नहीं है। सवाल का जवाब देने के बाद हाईकोर्ट ने कोलकाता नगर निगम पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया।
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट ने हाल ही में अवैध निर्माण मामले में सख्त कार्रवाई की है। जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने लिलुआ में अवैध निर्माण को गिराने का आदेश दिया था। उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए जस्टिस अमृता सिन्हा ने भी इकबलपुर के वार्ड नंबर 77 में अवैध निर्माण को तोड़ने का आदेश दिया था।