नदी घाटों से बालू का अवैध खनन फिर शुरू, पुलिस व खनन विभाग पर भारी पड़ रहे माफिया

उड़ीसा के फर्जी चालान पर गोइलकेरा से बालू का हो रहा उठाव

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चाईबासा :  राज्य में अब तक बालू घाटों का टेंडर नहीं हुआ है,लेकिन बालु घाटों से बालु माफियाओं के द्वारा अवैध बालु उत्खन्न कर कारोबार करने का कार्य थमने का नाम नहीं है।इतना ही नहीं जिला मुख्यालय में तो सरेआम बालु का ट्रैक्टर दौड़ती रहती है।कुजू नदी में तो पानी में गाड़ी को घुसा कर बालू निकाला जा रहा है। यह कार्य तांतनगर, जगन्नाथपुर क्षेत्र के बालु घाटों में भी धड्डल्ले से चल रही है। गोइलकेरा में कोयल नदी से बालू के अवैध खनन पर अंकुश लगा पाने में पुलिस प्रशासन और खनन विभाग नाकाम साबित हो रहा है। बालू माफिया यहां से बालू का अवैध खनन और परिवहन निरंतर जारी है। बालू माफिया पुलिस-प्रशासन पर भारी पड़ रहे हैं। रोज नए तरकीब निकाल कर वे अपने मंसूबों में कामयाब हो रहे हैं। जानकारी के अनुसार ओड़िशा के जराइकेला से चालान लाकर कोयल नदी के बालू का अवैध परिवहन किया जा रहा है। प्रतिदिन दो दर्जन से ज्यादा हाइवा वाहनों से गोइलकेरा से चक्रधरपुर तक बालू की ढुलाई की जा रही है। ये बालू कोयल नदी से निकालकर स्टॉक किया जाता है. गोइलकेरा के दलकी, पटनिया और आनंदपुर के इचापीड़ से ओड़िशा का चालान दिखाकर बालू का अवैध परिवहन किया जा रहा। इसे रोकने की जिम्मेदारी अंचल कार्यालय और जिला खनन विभाग पर है। लेकिन अधिकारी खनन क्षेत्रों में झांकने तक नहीं जाते।

कुछ दिन हुआ कार्रवाई, फिर मामला पड़ा ठंडा

अवैध खनन और परिवहन को लेकर गोइलकेरा पुलिस की कार्रवाई पर भी लगातार सवाल उठ रहे हैं। पहले पुलिस एक तरफ बालू के खनन व परिवहन में लगे ट्रैक्टरों की धर पकड़ में पहले करतीं थीं, इसके बाद अवैध बालू के खिलाफ पोड़ाहाट डीएसपी कपिल चौधरी और एसडीओ रीना हांसदा ने भी मुहिम चलाया था। इसके बाद से पूरी तरह अवैध बालू का कारोबार बंद हो गया था। लेकिन वर्तमान में फिर अवैध तरीके से भारी वाहनों, हाइवा और ट्रकों से बालू की अवैध ढुलाई जारी है. इनके खिलाफ कोई जांच नहीं की जा रही। बताया जा रहा है कि ट्रकों से बालू परिवहन करने वाले माफिया नेता और मंत्रियों के सरंक्षण में इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं।

उड़ीसा के फर्जी चालान से गोइलकेरा से बालू का हो रहा है उठाव

उड़ीसा का फर्जी चालान पर गोइलकेरा से बालू का उठाव किया जा रहा है लेकिन जिन्हें रोकना है, वह भी कंबल ओढ़ के मलाई खा रहे हैं।जान का सूत्र बताते हैं कि प्रशासनिक मिलीभगत से खुलेआम बालू की अवैध तरीके से नदी से उठाओ किया जा रहा है। इसके बाद रात अंधेरे मैं दलकी और पोकाम से हाईबा और डंफर में पोकलेन से लोड कर गोइलकेरा आंतें ही एक नंबर बालु बन जाता है। चुकी उड़ीसा का चालान आसानी से बालू माफिया बना लेते हैं। अगर पुलिस उसे पकड़ती है तो उड़ीसा का चालान दिखाकर आसानी से छूट जा रहा है। रोजाना लाखों का खेल हो रहा लेकिन प्रशासन पूरी तरह मौन है।

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