राष्ट्रहित में आज के दिन का महत्व..!!

214

शिखा झा

ब्यूरो रांची : आज का दिन हम भारतियों के लिए काफी खास दिन है। क्यूंकि आज के ही दिन 2 ऐसे कार्य को अंजाम दिया गया था जो देश के लिए महत्वपूर्ण है। चलिए हम आपको बताते है क्या है वो 2 महत्वपूर्ण कार्य – पहला आज ही के दिन तिरंगे को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था। हमारे देश का तिरंगा जब शान से लहराता है तो हर भारतीय का सीना गर्व से फूल कर चौड़ा हो जाता है, यह पल गर्व से भर देने वाला होता है। इसलिए हर भारतीय के लिए आज की तारीख के इतिहास के बारे में जरूर पता होना चाहिए। आज की तारीख भारत की आजादी के इतिहास में खास दिन है, जिसे साकार करने के लिए देश के अनेक वीर सपूतों ने हंसते-हंसते अपनी जान कुर्बान कर दी थी, वीरांगनाएं भी बलिदान देने से पीछे नहीं हटीं। तिरंगे को पहली बार 22 जुलाई, 1947 को भारतीय राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया था। एक सरकारी वेबसाइट के अनुसार, 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 के बीच भारत के डोमिनियन के राष्ट्रीय ध्वज और उसके बाद भारत गणराज्य के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

 

ये भी पढ़ें : विश्व के दस अनोखे एयरपोर्ट जहां यात्रियों को मिलती है कई सुविधाएं

 

1916 में स्वतंत्रता सेनानी आंध्र प्रदेश के पिंगली वेंकैया ने एक ऐसे झंडे के बारे में सोचा जो सभी भारतवासियों को एक धागे में पिरोकर रखे। उनकी इस पहल को एस.बी. बोमान जी और उमर सोमानी का साथ मिला और इन तीनों ने मिल कर “नेशनल फ्लैग मिशन” की स्थापना की। वहीं वैकेंया महात्मा गांधी से काफी प्रेरित थे। ऐसे में उन्होंने राष्ट्रीय ध्वज के लिए उन्हीं से सलाह लेना बेहतर समझा। महात्मा गांधी ने उन्हें इस ध्वज के बीच में अशोक चक्र रखने की सलाह दी जो संपूर्ण भारत को एक सूत्र में बांधने का संकेत बनेगा। वही दूसरी और जुलाई का महीना भारत के चंद्रयान अभियान के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। 14 जुलाई 2023 को छोड़ा गया भारत का चंद्रयान-3 लगातार अपनी मंजिल की ओर बढ़ रहा है अंतरिक्ष की गहराइयों और चांद तारों की चाल पर नजर रखने वाले लोग पल-पल इसके सफर पर नजर रख रहे हैं। पूरा देश इसकी सफलता की कामना कर रहा है। ऐसे में यह जान लेना दिलचस्प होगा कि चार बरस पहले जुलाई में ही चंद्रमा के अनछुए पहलुओं का पता लगाने के लिए चंद्रयान-2 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से रवाना किया गया था। इसे ‘बाहुबली’ नाम के सबसे ताकतवर और विशाल राकेट जीएसएलवी-मार्क ।।। के जरिए 22 जुलाई 2019 को प्रक्षेपित किया गया।