रांची : झारखंड में लोकसभा चुनाव को लेकर अभी से ही सभी राजनीतिक पार्टियां कमर कस चुकी हैं। एनडीए बनाम इंडिया की 2024 में होने वाली चुनावी संघर्ष से पहले यात्रा के माध्यम से सभी दलों के नेताओं ने जनता के बीच जाने का मन बनाया है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी 17 अगस्त से राज्य के 81 विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की संकल्प यात्रा पर निकलेंगे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन एक बार फिर खतियानी जोहार यात्रा के दूसरे चरण की तैयारी में लगे हैं।
बाबूलाल मरांडी ने यात्रा के पहले गिरिडीह के मधुबन में तीसरी बार मोदी सरकार बनाने के संकल्प को दोहराते हुए झारखंड के 14 लोकसभा सीट पर जीत सुनिश्चित कराने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आगामी लड़ाई परिवारवाद और राष्ट्रवाद के बीच है। मायावी शक्तियां भेष बदलकर भ्रष्टाचार पर पर्दा डालना चाहती हैं। इस मंसूबे को नाकाम करते हुए उन्हें कठोर सजा दिलानी है।
बाबूलाल मरांडी राज्य के सभी 14 लोकसभा क्षेत्र के 81 विधानसभा के लिए यात्रा शुरू करने वाले हैं। इस यात्रा के दौरान बाबूलाल मरांडी जहां राज्य की जनता की समस्याओं से रूबरू होंगे उनका दुख दर्द जानेंगे। जनता के बीच हेमंत सोरेन की झूठ की बुनियाद पर बनी सरकार का पोल भी खोलेंगे। बाबूलाल मरांडी का संकल्प राज्य में सभी 14 लोकसभा सीट पर भाजपा का परचम लहराने का है।
इधर, एनडीए का घटक दल आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो जहां हल्ला बोल जन पंचायत यात्रा कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस में फिर एक बार प्रदेश स्तर पर भारत जोड़ो यात्रा 2.0 की तैयारी में लग गयी है। राजद के प्रदेश अध्यक्ष संजय सिंह यादव और जदयू भी इसी तरह की राजनीतिक यात्रा की तैयारी में लगी है। नेताओं की चुनावी यात्रा से पहले ही आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। कोई 14 में 14 लोकसभा सीट को जीतने का दावा कर रहा है तो कोई महंगाई, बेरोजगारी, मणिपुर के मुद्दे पर विपक्ष को घेरने की बात कर रहा है।
कांग्रेस के प्रदेश महासचिव राकेश सिन्हा ने कहा कि हम लोग लगातार यात्रा करते रहते हैं लेकिन बाबूलाल मरांडी अब चुनावी यात्रा पर निकलने वाले हैं। राकेश सिन्हा ने कहा कि बाबूलाल मरांडी संकल्प यात्रा निकाले उसका स्वागत है लेकिन राज्य की जनता उनसे उम्मीद कर रही है कि वह देश के बदतर आर्थिक स्थिति, मणिपुर पर पीएम के मौन रहने, बेरोजगारी, महिलाओं पर जुल्म सहित कई मुद्दों पर अपनी बात कहेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा कि बाबूलाल मरांडी अपनी संकल्प यात्रा के दौरान यह भी जनता को बताएंगे कि उन्होंने इससे पहले भाजपा में नहीं जान और कुतुब मीनार से कूद जाने का संकल्प लिया था उस संकल्प से वह पीछे क्यों हट गए।
उन्होंने कहा कि चुनावी यात्रा के सहारे वोटरों को साधने की कवायद कोई नई नहीं है। अंतर सिर्फ इतना आया है कि पहले यात्राएं राष्ट्रीय स्तर पर होती थीं। चाहे लालकृष्ण आडवाणी की भारत उदय यात्रा हो, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा फिर काफी पहले की गई चंद्रशेखर की यात्रा हो। अब उन यात्राओं का छोटा प्रारूप राज्य में भी दिखता है।
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