कोलकाता में 70 प्रतिशत मरीज H3N2 से संक्रमित,फ्लू से बच्चे और वृद्ध पड़ रहे हैं बीमार

शहर में फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है

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कोलकाता। पश्चिम बंगाल के कोलकाता सहित दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में भी बच्चों में बुखार और सांस की बीमारी देखी जा रही हैं। इसके साथ शहर में फ्लू का प्रकोप बढ़ रहा है।

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वहीं अगर अस्पतालों के लैब रिपोर्ट की माने तो लगभग 40% से 70% तक इन्फ्लूएंजा ए के मामले H3N2 वायरस से संक्रमित पाये गये हैं। बता दें कि कुछ दिन पहले ही केंद्र सरकार ने एच3एन2 संक्रमण के कारण बढ़ते इन्फ्लूएंजा ए के मामलों को लेकर अलर्ट जारी किया है। केंद्र सरकार के अलर्ट के बाद राज्य सरकार ने मुख्य सचिव के नेतृत्व में एक टास्क फोर्स का गठन किया है।

राज्य के मुख्य सचिव एचके द्विवेदीा ने कहा कि एडिनोवायरस संक्रमणों की निगरानी के लिए गठित एक टास्क फोर्स भी राज्य में एच3एन2 वायरस से संक्रमित मामलों पर नजरदारी रखेगा।

बता दें कि एच3एन2 वायरस के संक्रमण से बुखार, खांसी और सर्दी होती है। हालांकि इसमें ज्यादातर मामलों में हल्का बुखार होता है। पर यह स्वाइन फ्लू जितना गंभीर नहीं होता है। यह वायरस से 2 साल से कम उम्र के रोगियों और बुजुर्गों में और विशेष रूप अन्य बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक होता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि वायरस ने पिछले कुछ दिनों में छह लोगों की जान गई है, यही नहीं अभी तक इससे बंगाल में कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि वह इन्फ्लूएंजा ए के मामलों पर नजर रख रहा है। साथ ही खुद का ख्याल रखने सलाह भी दी गई है।

मिली जानकारी के अनुसार राज्य के विभिन्न निजी अस्पतालों में मरीजों के टेस्ट से पाया गया है कि अधिकांश मरीज इन्फ्लुएंजा ए से पीड़ित हैं और इन इन्फ्लुएंजा ए के लगभग 70% मामले एच3एन2 के कारण होते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार इन्फ्लुएंजा ए के मामले अपेक्षाकृत अधिक हैं। इनमें 80% रोगी वयस्क हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि इन्फ्लूएंजा ए के लिए सकारात्मक परीक्षण करने वाले नमूनों की संख्या में वृद्धि हुई है, साथ ही ये भी कहा कि लागत और तकनीक की कमी के कारण इन्फ्लुएंजा में वैरिएंट को अलग करना हमेशा संभव नहीं था। चूंकि पिछले दो वर्षों में कोविड का प्रकोप था। इस कारण इन्फ्लुएंजा ए को लेकर ज्यादा चर्चा नहीं हो रही थी, हालांकि यह वैरिएंट नया नहीं है। लेकिन अगर सतर्कता नहीं बरती गई तो कोरोना की तरह यह वायरस भी गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।