एक ही घर में बसा है भारत- बांग्लादेश

39/11 पिलर के नाम से परिचित है ये परिवार

358

कोलकाता / उत्तर 24 परगना : एक ऐसा परिवार जो आज भी आजादी के बाद दो देशों में रह रहा है। आश्चर्य की बात ये है कि इस परिवार को दोनों देशों से ही मान्यता मिली है। इस एक घर में भारत – बांग्लादेश बसा हुआ है। जी, हां, ये बिल्कुल सही है। एक ऐसा घर जिसकी रसोई बांग्लादेश में है जबकि खाना भारत में खाना पड़ता है। ये घर है पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बागदा ब्लॉक के बयरा गांव में। इस गांव में 60 घर है लेकिन इसी एक घर का आधा हिस्सा भारत में और आधा हिस्सा बांग्लादेश में है।

39/11 पिलर के नाम से परिचित है ये परिवार
ये परिवार है रिजाउल मंडल का। पिछले 72 सालों से रिजाउल का परिवार दो देशों भारत- बांग्लादेश की सीमा पर निवास कर रहा है। इस परिवार के पास 2 ठिकाने हैं। यानी भारत में ये परिवार बयरा ग्राम का निवासी कहलाता है तो बांग्लादेश में ये परिवार जैसोर जिला के चौगाछा के गदाधरपुर का निवासी बताया जाता है। हालांकि, ये परिवार दोनों देशों के सीमा रक्षकों के लिए 39/11 पिलर के निवासी के तौर पर परिचित है।

इसे भी पढ़ें : महिला के पेट से निकला 6 किलो का ट्यूमर

बंटवारे के समय हुआ ऐसा
बताया जा रहा है कि देश विभाजन के समय इस परिवार के साथ ऐसा हुआ है। देश विभाजन के दौरान मंडल परिवार के घर के बरामदे के बीच से विभाजन रेखा खींची गयी थी। इसके कारण घर का आधा हिस्सा भारत में और आधा हिस्सा बांग्लादेश में चला गया था। हालांकि बीच से कांटे की तार ना होने पर भी इस घर के बाहर दिन- रात बीएसएफ और बीजीबी के द्वारा निगरानी की जाती है।

16 बीघा में से 9 बीघा जमीन है भारत में
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, विभाजन के कारण इस मंडल परिवार को अपनी संपत्ति से भी हाथ धोना पड़ा था। अभी इस परिवार के पास दोनों सीमा के बीच 16 बीघा जमीन है। इसमें से 7 बीघा जमीन बांग्लादेश में और 9 बीघा
जमीन भारत में है। इतना ही कृषि भूमि का भी आधा हिस्सा बांग्लादेश और आधा हिस्सा भारत में। हालांकि पहले दोनों देशों की सहमति से धान को भारत में बेच सकते थे लेकिन अभी बांग्लादेश में उगाये गये धान को बांग्लादेश के बाजार में ही बेचना पड़ता है। इतना ही नहीं इस परिवार को बांग्लादेश के चौगाछा के 9 नंबर स्वरूपदाह यूनियन परिषद और यहां भारत में भी नियमित तौर पर टैक्स जमा करना पड़ता है।

दोनों देशों में ही परिवार को मिलती है सहूलियत
दो देशों में जीने वाले इस परिवार का दोनों देशों से रिश्ता अच्छा है। इस परिवार ने अपनी बेटी की शादी बांग्लादेश के जैसोर में की है तो उनका एक बेटा कोलकाता पुलिस में कार्यरत है। दोनों देशों में अपना संसार बसाकर ये परिवार अपना दिन काट रहा है।