राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजित डोभाल ने एक बार फिर दोहराया कि भारत भी लंबे समय से आतंकवाद से पीड़ित रहा है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता। ये सब कुछ बहके हुए लोगों की ओर से किया जाता है। भारत में सभी धर्मों की समानता के बारे में एनएसए डोभाल ने कहा कि भारत विविधता के मूल्यों पर काफी यकीन करता है। इस देश में किसी को कहीं पर भी कोई खतरा नहीं है। राजधानी दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में एनएसए डोभाल ने कहा कि भारत में अलग-अलग धर्मों और समुदाय के लोगों का दिल खोलकर स्वागत किया जाता है, जो यह दर्शाता है कि विविधता के मूल्यों पर भारत कितना ज्यादा विश्वास करता है। उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया में दूसरा मुल्कों की तुलना में सबसे अधिक मुस्लिम भारत में रहते हैं।
भारत लंबे समय से आतंकवाद से पीड़ित रहा है और हजारों की संख्या में भारतीयों ने आतंकवाद की वजह से अपनी जान गंवाई है। मक्का के पवित्र मस्जिद में हुए आतंकी हमले की घटना का जिक्र करते हुए अजित डोभाल ने कहा कि भारत भी आतंकवाद से लगातार पीड़ित रहा है। भारत ने आतंकवाद के खात्मा करने का फैसला किया है। एनएसए डोभाल ने किसी भी देश का नाम लिए बगैर कहा कि “भारत दशकों से आतंकवाद का शिकार रहा है। हमने 2008 (मुंबई में आतंकी हमला) समेत ढेरों आतंकवादी हमलों का सामना किया है। भारत अपने यहां सुरक्षा तंत्र को बेहद मजबूत करने तथा आतंकवादी गतिविधियों लगाम कसने के लिए अन्य देशों के साथ मिलकर काम करने और अलग-अलग माध्यमों से आतंकवाद से लड़ने को लेकर सक्रिय रूप से काम कर रहा है।”उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता, ये कुछ बहका दिए गए लोगों की ओर से किया जाता है।
बता दें कि इससे पहले मुस्लिम वर्ल्ड लीग के सेक्रेटरी अल ईस्सा ने दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान भारतीय सांस्कृतिक विविधता की खुलकर तारीफ़ की। उन्होंने कहा कि भारत एक हिंदू बहूसंख्यक देश होने के वाबजूद यहां का संविधान धर्मनिरपेक्ष है। भारत में मुस्लिम समुदाय की भूमिका बेहद अहम है। मुझे यहां के जितने भी मुस्लिम मिले उन सबको भारतीय होने पर गर्व है। उन्होंने कहा कि देशभक्त बनना हर एक भारतीय का कर्तव्य होता है। हम सबको मिल-जुलकर रहना होगा।