ब्यूरो रांची : किसी भी भारतीय को जब किसी दूसरे देश की यात्रा करनी होती है तो उसका पासपोर्ट सबसे अहम डॉक्यूमेंट बन जाता है. दरअसल, कितने देश आपके देश के यात्रियों को कितनी सुविधा दे रहे हैं, वह आपके पासपोर्ट की ग्लोबल रैंक के अनुसार ही तय होता है. ऐसे में जारी हेनले पासपोर्ट इंडेक्स रैंकिंग में भारत अब 80वें पायदान पर पहुंच गया है. साल 2022 की हेनले पासपोर्ट इंडेक्स रैंकिंग के मुकाबले इस बार भारतीय पासपोर्ट 5 पायदान ऊपर है. भारतीय पासपोर्ट के धारकों को मौजूदा समय में सत्तावन देशों की यात्रा के लिए वीजा अप्लाई की जरूरत नहीं पड़ती है. इन देशों में भारतीयों को वीजा फ्री एंट्री मिलती है, या वीजा ऑन अराइवल की सुविधा दी जाती है. वीजा ऑन अराइवल में यात्रियों को संबंधित देश में पहुंचने के बाद एयरपोर्ट पर ही तुरंत वीजा दे दिया जाता है. इसकी प्रक्रिया भी आसान होती है, जिससे यात्रियों को काफी फायदा भी मिलता है.
ये भी पढ़ें : सिंदरी चैंबर ऑफ कॉमर्स की बैठक के दौरान मचा बवाल
दूसरी ओर, 177 देश ऐसे भी हैं, जहां जाने के लिए भारतीय नागरिकों को पहले वीजा अप्लाई करना पड़ता है. जांच के बाद ही उन्हें वीजा दिया जाता है. इन देशों में अमेरिका, चीन, जापान, रूस और यूरोपियन यूनियन के भी सभी देश शामिल हैं. हेनले रिपोर्ट के अनुसार, सिंगापुर का पासपोर्ट जापान को पीछे छोड़ते हुए दुनिया का सबसे ताकतवर पासपोर्ट बन गया है. सिंगापुर के पासपोर्ट पर दुनिया के 192 देशों में वीजा फ्री एंट्री दी जाती है. वहीं पिछले 5 साल से नंबर वन रहा जापान अब तीसरे नंबर पर पहुंच गया है. दूसरी ओर, अमेरिका जो कभी पहले नंबर पर हुआ करता था, अब आठवें नंबर पर पहुंच गया है. ताजा रैंकिंग के अनुसार, जहां सिंगापुर का विश्व में सबसे मजबूत पासपोर्ट है तो वहीं अफगानिस्तान का पासपोर्ट सबसे कमजोर है. अफगानिस्तान के बाद लिस्ट में इराक और सीरिया का नंबर आता है. वहीं पाकिस्तान के पासपोर्ट का हाल भी काफी खराब स्थिति में है. पाकिस्तान का पासपोर्ट विश्व का चौथा सबसे कमजोर पासपोर्ट है. पाकिस्तान को सिर्फ 33 देशों में ही वीजा फ्री एंट्री मिलती है.