भारत की पहचान को और भी मजबूती की जरूरतः PM मोदी

मोदी ने मुंबई में हुए आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को दी श्रद्धांजलि

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नई दिल्लीः पीएम नरेन्द्र मोदी ने लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की पहचान को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है।
पीएम मोदी ने शनिवार को कहा कि हमारी सबसे बड़ी प्रेरणा और ताकत हमारा संविधान है। व्यक्ति हो या संस्थान, हमारे कर्तव्य हमारी पहली प्राथमिकता हैं। अमृत काल हमारे लिए कर्तव्यों का युग है।

पीएम मोदी सर्वोच्च न्यायालय में संविधान दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने वर्चुअल जस्टिस क्लॉक, जस्टआईएस मोबाइल ऐप 2.0, डिजिटल कोर्ट और एस3डब्ल्यूएएएस वेबसाइट जैसी कई परियोजनाओं की शुरुआत की।

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उन्होंने कहा कि न्यायपालिका समय पर न्याय के लिए कई कदम उठा रही है। आज शुरू की गई ई-पहल सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में एक और कदम है।

मोदी ने संविधान दिवस की बधाई देते हुए याद दिलाया कि 1949 में आज ही के दिन स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नए भविष्य की नींव रखी थी।

उन्होंने कहा कि यह संविधान दिवस और भी खास हो जाता है क्योंकि भारत आजादी के 75 साल की अपनी यात्रा पूरी करने के बाद आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बाबा साहेब डॉ बी आर अंबेडकर और संविधान सभा के सभी सदस्यों को श्रद्धांजलि अर्पित की।

मोदी ने भारतीय संविधान के विकास और विस्तार की पिछले 70 दशकों की यात्रा में विधायिका, न्यायपालिका और कार्यपालिका के अनगिनत व्यक्तियों के योगदान पर प्रकाश डाला और इस विशेष अवसर पर पूरे देश की ओर से उन्हें धन्यवाद दिया।

मोदी ने भारत के इतिहास के उस काले दिन को याद किया जब 14 साल पहले मानवता के दुश्मनों ने मुंबई पर आतंकवादी हमले किया था। मोदी ने मुंबई में हुए कायराना आतंकी हमले में जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि दी।

उन्होंने कहा कि आज 26/11 मुंबई आतंकी हमले का दिन भी है। 14 वर्ष पहले, जब भारत, अपने संविधान और अपने नागरिकों के अधिकारों का पर्व मना रहा था, उसी दिन मानवता के दुश्मनों ने भारत पर सबसे बड़ा आतंकवादी हमला किया था। मुंबई आतंकी हमले में जिनकी मृत्यु हुई, मैं उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।