नगरपालिकाओं में धन की बर्बादी रोकने की पहल

प. बंगाल के लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग ने उठाये कई कदम

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कोलकाताः पश्चिम बंगाल के लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग ने धन की बर्बादी रोकने के लिए प्रदेश की नगरपालिकाओं पर विशेष निगरानी रखने का निर्णय लिया है।

हाल ही में लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में मुख्य सचिव खलील अहमद, अन्य वरिष्ठ अधिकारी, जिलाधिकारी सहित सभी जिलों के आला अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में कार्यालय के प्रभारी पदाधिकारियों ने जिला स्तरीय अधिकारियों को इस निर्णय की जानकारी दी।

आपको बता दें कि शहरी विभाग ने प्रदेश के 7 नगर निगम क्षेत्रों के अलावा, 121 नगरपालिकाओं में धन की बर्बादी को रोकने के लिए यह निगरानी रखी जायेगी। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि हर जिले में एक अपर जिलाधिकारी एवं डिप्टी मजिस्ट्रेट नगरपालिकाओं पर नियमित विशेष निगरानी करेंगे।

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नगरपालिका को आवंटित धन निर्दिष्ट परियोजना के लिए सही तरह से खर्च हो रहा या नहीं, सामान्य और प्रदर्शन ऑडिट सही समय पर किया जा रहा है या नहीं, इन सभी विषयों पर निगरानी की जायेगी। ऑडिट में अनियमितता पाये जाने के बाद संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की गयी या नहीं, इस पर भी दायित्वप्राप्त अधिकारी को नजर रखना पड़ेगा।

राज्य सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य को ग्रामीण विकास के लिए विभिन्न परियोजनाओं में लिए धन दिये जाते हैं लेकिन खर्च करने के संबंध में केंद्र ने राज्य पर कई शिकायत की हैं। उन शिकायतों की वजह से कई परियोजनाओं के लिए धन का आवंटन रुका हुआ है।

ऐसी स्थिति में लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग ने धन की बर्बादी रोकने के लिए प्रदेश की नगरपालिकाओं पर विशेष निगरानी रखने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पूर्व की गलतियों से सीख लेकर यह पहल की है।

वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए केंद्र ने लगभग 8 महीनों के लिए आवास और सड़क परियोजनाओं के लिए धन रोक दिया था। अब भी 100 दिन रोजगार योजना की राशि भी केंद्र में रुकी हुई है।

पिछले एक साल से बकाया पड़ा हुआ है। इसलिए राज्य के नगरपालिका क्षेत्रों में धन की बर्बादी रोकने के लिए संबंधित विभाग ने कड़े कदम उठाये हैं। हाल ही में हुई बैठक में लोक निर्माण एवं शहरी विकास विभाग द्वारा सभी नगरपालिका चेयरमैनों को दिये गये सभी दिशा-निर्देश अब से जिलाधिकारियों को भी भेजा जायेगा।