रांची : एक युवक जिस युवती की हत्या के आरोप में 4 महीने तक जेल में रहा, वह एक दिन सकुशल लौट आई. अब झारखंड हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को जेल में रहे निर्दोष युवक को 5 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. हाईकोर्ट ने इस मामले में पुलिस की तफ्तीश पर सवाल उठाते हुए मौखिक तौर पर कहा कि अनुसंधान में लापरवाही की वजह से निर्दोष युवक को बेवजह जेल में रहना पड़ा. यह मामला वर्ष 2014 का है. रांची के चुटिया मोहल्ले की रहने वाली प्रीति नामक यूपी 14 फरवरी को लापता हो गई थी. दो दिन बाद 16 फरवरी को पुलिस ने रांची -टाटा रोड पर स्थित बुंडू थाना क्षेत्र से एक युवती का शव अधजली हालत में बरामद किया था.पुलिस ने शव की शिनाख्त प्रीति के रूप में की और हत्या के आरोप में रांची के अजीत कुमार सहित तीन युवकों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. इतना ही नहीं, पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ युवती के अपहरण, उसके साथ गैंगरेप के बाद उसकी लाश को जलाने का आरोप लगाते हुए अदालत में 15 मई 2014 को चार्जशीट दाखिल कर दी. इसके कुछ ही दिनों बाद प्रीति सकुशल लौट आई. फिर अदालत के हस्तक्षेप पर तीनों युवक जेल से बाहर आए. बाद में अजीत कुमार ने गलत आरोप में जेल भेजे जाने पर मुआवजे और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए झारखंड हाईकोर्ट में रिट दायर की थी. सुनवाई के बाद जस्टिस एसके द्विवेदी की पीठ ने युवक को मुआवजा देने का आदेश जारी किया.
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