संदेशखाली में धारा 144 लागू , इंटरनेट सेवा बंद
पुलिस ने भाजपा प्रतिनिधिमंडल को इलाके में जाने से रोक
बारासात, सूत्रकार : उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखली में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। शुक्रवार को स्थानीय महिलाओं ने संदेशखली में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के फरार नेता शेख शाहजहां और उनके सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था।
हाथों में लाठी और झाड़ू लेकर स्थानीय महिलाओं ने संदेशखली के विभिन्न इलाकों में जुलूस निकाला। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 लागू की गई है और जिले के कुछ हिस्सों में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। शेख शाहजहां पिछले महीने से फरार हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की एक टीम ने कथित राशन घोटाले में उनके घर पर छापेमारी की थी। जिस दौरान भीड़ ने ईडी के अधिकारियों पर हमला कर दिया था।
प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि शाहजहां और उनके गिरोह ने यौन उत्पीड़न के अलावा, बलपूर्व जमीन के पट्टों पर कब्जा किया है। इस बीच, शाहजहां के समर्थक भी सड़कों पर उतर आए। जिससे तनाव और बढ़ गया।
आरपीएफ तैनात
रैपिड एक्शन फोर्स (आरपीएफ) और लड़ाकू बल के कर्मियों सहित एक विशाल पुलिस दल पहले ही संदेशखली में मार्च कर चुका है और क्षेत्र में गश्त कर रहा है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, संदेशखाली की सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं क्योंकि सभी दुकानें बंद हैं। हालांकि, पुलिस प्रशासन दिन गुजरने के साथ फिर से परेशानी की पुनरावृत्ति से इनकार नहीं कर रहा है।
संदेशखाली में इंटरनेट बैन
पुलिस प्रशासन ने स्थिति सामान्य होने तक इलाके में इंटरनेट के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी है।
संदेशखाली-I और संदेशखाली-II के दो ब्लॉकों में फैली 16 पंचायतों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में धारा 144 लागू करना और इंटरनेट पर प्रतिबंध एक साथ जारी रहेगा। 5 जनवरी को हुए हमले के बाद से, शाहजहां केंद्रीय एजेंसी के साल्टलेक कार्यालय में उपस्थिति के लिए ईडी के समन को टाल रहे हैं और फरार हैं।
शाहजहां की गिरफ्तार की हो रही मांग
इस बीच, पिछले दो दिनों से स्थानीय लोग, जिनमें ज्यादातर महिलाएं थीं, बार-बार सड़कों पर उतरकर शाहजहां और उसके करीबी सहयोगियों की गिरफ्तारी की मांग कर रही हैं।
महिलाएं इस बात पर मुखर हो गई थीं कि कैसे फरार नेता के सहयोगियों द्वारा उनके जीवन को यातनाएं दी जा रही थी, जो अवैध रूप से और जबरदस्ती उनके स्वामित्व वाली जमीन के छोटे-छोटे टुकड़े हड़प लेते थे।
कुछ महिला प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि वे अपमान और छेड़छाड़ के डर से सूर्यास्त के बाद अपने घरों से बाहर निकलने से डरती थीं क्योंकि इस तरह की घटनाएं क्षेत्र में नियमित थीं।
संदेशखाली थाने के सामने महिलाओं का प्रदर्शन
शुक्रवार की रात स्थानीय लोगों ने संदेशखाली थाने के सामने विरोध प्रदर्शन किया। हालाँकि बाद में वे तितर-बितर हो गए, लेकिन पुलिस ने कोई और जोखिम नहीं उठाया और अशांत इलाकों में धारा 144 लगाने और इंटरनेट के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया।
रैपिड एक्शन फोर्स (आरपीएफ) और लड़ाकू बल के कर्मियों सहित एक विशाल पुलिस दल पहले ही संदेशखाली में मार्च कर चुका है और क्षेत्र में गश्त कर रहा है। नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, संदेशखाली की सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं क्योंकि सभी दुकानें बंद हैं।
भाजपा प्रतिनिधिमंडल को पुलिस नेरोका
इस बीच, शनिवार को संदेशखाली पुलिस स्टेशन जा रहे भाजपा प्रतिनिधिमंडल को रामपुर में पुलिस ने रोक दिया। भाजपा प्रतिनिधिमंडल पुलिस से लगातार अंदर जाने की अनुमति मांग रहा था लेकिन पुलिस की ओर से उन्हें प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गयी। पुलिस का कहना है कि भाजपा के लोग अंदर गये तो और अशांति फैल सकती है।
राज्यपाल का संदेशखाली का दौरा करना जरुरी : शुभेंदु अधिकारी
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने राज्यपाल सी.वी आनंद बोस से यथाशीघ्र संदेशखाली का दौरा करने और ग्रामीणों से बात करने का आग्रह किया है। उनका कहना है कि प्रदेश की ममता बनर्जी की पुलिस शेख शाहजहां और उसके गिरोह के सदस्यों की रक्षा और आश्रय दे रही है। जनता के विरोध को दबाने की कोशिश की जा रही है लेकिन पुलिस जब जनता के
आक्रोश को नियंत्रित नहीं कर सकी तो हताशा होकर धारा 144 लागू कर दिया गया। बिना किसी गलती के लोगों को हिरासत में लिया जा रहा है, जिनमें नाबालिग भी शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों को घर पर रहने के लिए मजबूर किया जा रहा है और ममता पुलिस और टीएमसी के गुंडों की टीमें उनके घरों पर हमला कर रही हैं और उन्हें व्यक्तिगत रूप से निशाना बना रही हैं।