संदेशखाली जा रहे आईएसएफ विधायक नौशाद सिद्दीकी गिरफ्तार, रिहा

नौशाद ने संदेशखाली जाने से रोकने पर पुलिस और तृणमूल की आलोचना की

49

कोलकाता, सूत्रकार : तृणमूल कांग्रेस की सुप्रीमो और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की आंखों की किरकिरी बने इंडिया सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के विधायक नौशाद सिद्दीकी को मंगलवार सुबह संदेशखाली जाते समय गिरफ्तार कर लिया गया।

नौशाद संदेशखाली के पीड़ितों से मिलने जा रहे थे। लेकिन उनको कोलकाता की परिधि से बाहर निकलने की भी अनुमति नहीं थी, इसलिए उनके काफिले को पूर्वी मेट्रोपॉलिटन बाईपास में साइंस सिटी के सामने रोक दिया गया। करीब सात घंटों के बाद नौशाद सिद्दीकी को छोड़ दिया गया।

जैसे ही पुलिस ने उनकी गाड़ी रोकी, सिद्दीकी की पुलिस अधिकारियों से तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। उन्होंने पुलिस से गिरफ्तारी का कारण बताने की मांग करते हुए दावा किया कि उन्होंने न तो किसी नियम का उल्लंघन किया है और न ही पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड को तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश की है।

सिद्दीकी ने पुलिस की जेल वैन में चढ़ने से पहले संवाददाताओं से कहा कि मुझे संदेशखाली से 60 किलोमीटर से अधिक दूरी एक स्थान पर गिरफ्तार किया गया है। वे मुझे रोकने के लिए वहां लगाई गई धारा 144 का हवाला दे रहे हैं। लेकिन जिस जगह मुझे रोका जा रहा है वहां धारा 144 नहीं लगी है। इसके अलावा तीन से अधिक लोग मेरे साथ नहीं थे। उन्हें मध्य कोलकाता के लालबाजार के कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया।

सिद्दीकी, सोमवार को स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता शंकर सरदार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर वहां जाने का प्रयास कर रहे थे। शंकर पर जमीन पर जबरन कब्जा करने और उसे मछली पालन के खेतों में बदलने का आरोप है।  इसके अलावा महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न और हिंसा की शिकायतें भी थीं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “संदेशखाली के कुछ इलाकों में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। हमलोगों को उन क्षेत्रों में जाने की अनुमति देकर कानून- व्यवस्था में व्यवधान की अनुमति नहीं दे सकते। इसलिए उन्हे रोका गया।” आईएसएफ विधायक को लालबाजार में कोलकाता पुलिस मुख्यालय ले जाया गया।

सिद्दीकी की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए माकपा के वरिष्ठ नेता सुजन चक्रवर्ती ने आरोप लगाया कि पुलिस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के निर्देश पर काम कर रही है। भाजपा नेता समिक भट्टाचार्य ने पुलिस प्रशासन पर निशाना साधते हुए कहा, “तृणमूल शासन के तहत, पश्चिम बंगाल में अराजकता व्याप्त है। पुलिस ने हमारे नेता सुकांत मजूमदार के साथ भी यही किया था।

गौरतलब है कि स्थानीय महिलाएं हाथों में लाठी और झाड़ू लेकर स्थानीय तृणमूल नेता शंकर सरदार के आवास के सामने एकत्र हुईं, जो सत्तारूढ़ पार्टी के दोनों फरार नेताओं शेख शाहजहां और उनके छोटे भाई शेख सिराजुद्दीन के करीबी विश्वासपात्र माने जाते हैं। शंकर सरदार की गिरफ्तारी की मांग को लेकर नारे लगाने के अलावा, प्रदर्शनकारी महिलाओं ने तृणमूल कांग्रेस नेता के घर में तोड़फोड़ की। बाद में हमले को रोकने के लिए उनके घर भारी सुरक्षा बलों को भेजा गया।