सामाजिक कुरीतियों का शिकार हुई ईशा का पार्थिव शारीर 

ईशा आलिया के पार्थिव शारीर को नसीब नहीं हुआ पैतृक गाँव महूदी की मिट्टी

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हजारीबाग : सामाजिक कुरीतियों का शिकार होना पड़ा  ईशा आलिया के पार्थिव शारीर को। ज्ञात हो की ईशा आलिया ने प्रेमी प्रकाश कुमार के साथ अंतरजातीय विवाह किया था ।  बुधवार की सुबह कलकाता जाने के क्रम में बंगाल में ईशा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

हत्या के बाद जांच में पुलिस ने कई अहम खुलासे किए हैं। पुलिस टीम ने मामले की जांच में पति को भी गिरफ्तार किया है। हत्या के बाद पुलिस ने जांच में कई राज उजागर किए हैं।

जिसमें पति प्रकाश कुमार की साजिश का भी जिक्र किया गया है। मामले में पुलिस कई एंगल से जांच कर रही है।

हत्या के बाद भी उसे अंतरजातीय विवाह करने की सजा मिली। ईशा आलिया के पार्थिव शारीर को अंतिम संस्कार के लिए पैतृक गाँव हजारीबाग जिले के चौपारण प्रखंड के महूदी गांव की मिट्टी नसीब नहीं हुई।

ईशा के अंतरजातीय विवाह के कारण महूदी में उसके समाज के ही लोगों ने उसके शव को गांव लाने का विरोध किया । आखिरकार ईशा के परिजन उसका शव लेकर हजारीबाग शहर में रहने वाली उसकी बहन के घर पहुंचे।

जहां उसका अंतिम संस्कार शुक्रवार को हजारीबाग मुक्तिधाम में किया गया। वहीँ उसकी बहन के बेटे ने उसे मुखाग्नि दी। ईशा के भाई अजय राणा गुरुवार की रात पौने दो बजे उसका शव लेकर कोलकाता से हजारीबाग के सिंघानी स्थित बहन संगीता देवी के घर पहुंचे।

अजय राणा ने अपने गांव के बिरादरी के लोगों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि वे लोग बहन का अंतिम संस्कार अपने गांव महुदी में करना चाहते थे। पर जाति समाज के लोगों ने उन्हें इजाजत नहीं दी।

वहीं गांव के ही मुखिया प्रतिनिधि  रणवीर प्रसाद ने कहा कि ईशा की शादी से उसके समाज के लोग नाराज जरूर थे। पर यदि ये लोग शव लेकर महुदी आते तो भले उनकी बिरादरी के लोग अंतिम संस्कार में शामिल नहीं होते पर गांव के अन्य लोग जरूर शरीक होते ।

 

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