इस्कॉन ने इंजीनियर से संत बने अमोघ लीला दास पर बड़ी कार्रवाई की है। स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस पर आपत्तिजनक टिप्पणी देने को लेकर इंटरनेशनल सोसाइटी ने उन पर एक महीने का प्रतिबंध लगाया है। इस्कॉन ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा कि संत अमोघ के बयान से हम सभी दुखी हैं। उनके बयानों से लोगों की भावना को ठेस पहुंची है। इसलिए उन पर एक महीने का बैन लगाया जा रहा है। उनका यह बयान बर्दाश्त के लायक नहीं है। इसे कभी भी स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
बता दें कि अमोघ लीला दास ने स्वामी विवेकानंद को लेकर कहा था कि वो मछली खाते थे। कोई भी महान संत किसी जानवर को कैसे नुकसान पहुंचा सकता है, वो भी कोई सिद्ध पुरुष। इसके अलावा दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। दास की यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। संत अमोघ सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहते हैं। वह धर्म और मोटिवेशन से जुड़ी बातों को सोशल मीडिया पर शेयर करते रहते हैं। ऐसे में
कौन है अमोघ दास लीला?
अमोघ दास लीला एक स्पिरिचुअल और मोटिवेशनल स्पीकर हैं। वह 12 सालों तक इस्कॉन से जुड़े रहे। 43 वर्षीय दास इस समय इस्कॉन के द्वारका चैप्टर के वाइस प्रेसिडेंट का भूमिका अदा कर रहे थे। विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस दिए गए आपत्तिजनक बयान के बाद उन पर एक महीने का बैन लगा दिया गया है। बता दें कि अमोघ लाल दास का असली नाम आशीष अरोड़ा है। उनका जन्म लखनऊ में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। फिलहाल उनका परिवार दिल्ली में रहता है।
बता दें कि आशीष अरोड़ा उर्फ अमोघ दास संत बनने से पहले सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। उन्होंने 2004 में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद वह नौकरी के लिए अमेरिका चले गए। 2010 में उन्होंने कॉरपोरेट की दुनिया को छोड़ भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में आ गए। 29 साल की उम्र में उन्होंने इस्कॉन को जॉइन किया। इसके बाद वो सोशल मीडिया पर धर्म और आस्था से संबंधित तामा वीडियो डालने लगे। इसके बाद धीरे-धीरे वो एक मोटिवेशनल स्पीकर भी बन गए।
Read this communique from ISKCON about some bhand (hypocrite) sadhu Amogh Lila Das. This should set matters at rest. pic.twitter.com/uUvz4AF7KR
— Tathagata Roy (@tathagata2) July 11, 2023
जानकारी के अनुसार अमोघ दास लीला ने स्वामी विवेकानंद और उनके गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर अपमानजनक टिप्पणी की थी। दास ने कहा कि मछली खाने वाला कोई भी इंसान सिद्धपुरुष कैसे हो सकता है। उनके दिल में तो दयाभाव होती है। ऐसे में कोई भी महान इंसान मछली कैसे खा सकता है। इतना ही नहीं, अमोघ लाल दास ने विवेकानंद के गुरु रामकृष्ण परमहंस को लेकर भी गलत और अपमानजनक बयान दिया था। इसके बाद इस्कॉन ने उन पर ये कार्रवाई की है।