आजमगढ़ : उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ पुलिस ने एक बड़े धर्मांतरण गिरोह का पर्दाफाश किया है। बताया जा रहा है कि इस गिरोह के लोग पूर्वांचल के विभिन्न स्लम बस्तियों में जाकर लोगों को कव्वाली के नाम पर इकट्ठा करते हैं और फिर हिदूं धर्म की बुराई करते हुए लोगों को इस्लाम धर्म का फायदा बताते हैं। इसी प्रकार कार्यक्रम के दौरान बड़ी संख्या में हिदुंओं का एक साथ इस्लाम धर्म में शामिल करवाया जाता है। पुलिस ने बताया कि इन लोगों की सौ से अधिक लोगों को इस्लाम में शामिल करने की योजना थी।
वहीं मामले की सूचना मिलते ही पुलिस ने इस गिरोह का खुलासा किया और 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक मौके पर हुए छापेमारी के दौरान गिरोह के कुछ सदस्य वहां से फरार हो गए, लेकिन उन सभी की शिनाख्यत हो गई है। बताया जा रहा है कि गिरफ्तार और फरार हुए सभी आरोपी आजमगढ़, मऊ, देवरिया, बाराबंकी और बलरामपुर जिले के रहने वाले हैं। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने योजनावद्ध तरीके से बीते बुधवार को आजमगढ़ के चिरकिहिट गांव में कव्वाली का आयोजन किया था। इसके लिए आरोपियों ने एक सप्ताह पहले से ही चिरकिहिट गांव समेत आसपास के इलाकों में लोगों से संपर्क कर रहे थे। इस दौरान सभी लोगों को झाड़फूंक और कव्वाली के नाम पर कार्यक्रम में बुलाया गया था। सूचना मिलने पर हरकत में आई और देवगांव कोतवाली पुलिस ने इस कार्यक्रम में सादी वर्दी में पुलिसकर्मी भेज दिए। इन पुलिस कर्मियों ने कार्यक्रम के दौरान संदिग्ध हरकत देखी और थाना में सूचना दी। इसके बाद कोतवाल देवगांव ने एसपी आजमगढ़ को सूचना देते हुए छापेमारी के लिए अतिरिक्त पुलिस बल मंगाई।
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उल्लेखनीय है कि पुलिस ने अचानक मौके पर पहुंच कर कार्यक्रम स्थल को घेर लिया। पुलिस ने बताया कि इस छापेमारी के दौरान धर्मांतरण गिरोह का मास्टर माइंड सिकंदर, दो मौलाना समेत कुछ 18 लोगों को रंगे-हाथों पकड़ लिया, जबकि आधा दर्जन से अधिक लोग फरार हो गए। जानकारी के अनुसार मौके से एक मजार और धार्मिक चिन्ह के अलावा पंपलेट, त्रिशूल व समेत कई सामान जब्त कर लिये गये। इसके अलावा आरोपियों की गाड़ी, खाना बनाने का सामान और कव्वाली के वाद्य उपकरण भी जब्त कर लिये गए। इसे लेकर एसपी आजमगढ़ अनुराग आर्य ने बताया कि जरूरी पूछताछ के बाद इन सभी आरोपियों को अदालत में पेश किया गया। सभी को फिलहाल 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है। बता दें कि अगर आरोप साबित होती है कि सभी को न्यूनतम 10 साल की सजा होगी। इसके अलावा आरोपियों को अवैध तरीके से धर्मांतरण कराने और लोगों को प्रलोभन देने समेत अन्य संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया गया है।