रांची : राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि झारखंड गरीबी और पलायन से जूझ रहा है। लोगों का कौशल विकास कर उन्हें रोजगार से जोड़ते हुए गरीबी दूर की जा सकती है।
कौशल विकास राष्ट्र निर्माण की धुरी है। आवश्यकता इस बात की है कि उन्हें रोजगार से जोड़ा जाए, उन्हें बैंक लोन के माध्यम से निजी व्यवसाय स्थापित करने में भी मदद किया जाए। बैस गुरुवार को राज भवन में आईआईएम में फेलोशिप कर रहे विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि यहां ग्रामीण स्तर पर उत्पादित सामग्रियों की मार्केटिंग की भी समस्या है। उनके उत्पाद को मार्केटिंग करने वाली संस्था या ऑनलाइन एप से जोड़ने में सहयोग किया जाए ताकि उनके उत्पाद की बिक्री हो सके और वे अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सके। एक बार मार्केटिंग से जुड़ जाने के बाद उनमें जागरूकता बढ़ेगी और उनके उत्पाद की गुणवत्ता बढ़ती चली जाएगी।
उन्होंने कहा कि एक शिक्षित युवा द्वारा उद्यम स्थापित करने पर कम से कम चार-पांच लोगों को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने फेलोशिप कर रहे विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि गांवों में जाकर ग्रामीणों से संपर्क करें और उनकी परिस्थितियों से अवगत होते हुए उपयोगी सेक्टर का चयन कर उस पर कार्य करने के लिए प्रेरित करे और उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन करें।
ग्रामीण सरकार की ओर से संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान करें। साथ ही आत्मनिर्भर भारत और सशक्त भारत के निर्माण में अपना सक्रिय योगदान दें।
इस अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ. नितिन कुलकर्णी, आईआईएम रांची के निदेशक डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव भी उपस्थित थे।
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