झारखंड: बिजलीकर्मियों की भूख हड़ताल शुरू

बिजली संकट गहराने की आशंका

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रांची : बिजली कर्मियों का भूख हड़ताल आज से शुरू है। झारखंड पावर वर्कर्स यूनियन के बैनर तले कर्मी ये आंदोलन कर रहे है। भूख हड़ताल के पहले दिन पांच लोगों ने हड़ताल की शुरूआत की।

इसमें आशीष कुमार, फनींद्रर राणा, सुरेश हांसदा, राकेश कुमार रजक और उत्तम पासवान शामिल है। यूनियन के अध्यक्ष आशीष कुमार ने बताया कि हड़ताल शुरू हो चुकी है। जिसमें तकनीकि कर्मचारी भी शामिल है। ऐसे में राज्य भर में विद्युत कार्य का तृतीय और चतुर्थ वर्गीय कर्मियों ने बहिष्कार किया है।

आशीष ने बताया कि लगभग दो हजार विद्युत कर्मी इस दौरान हड़ताल का समर्थन कर रहे है। हालांकि विद्युत तकनीकि कर्मचारी संघ ने भूख हड़ताल का समर्थन नहीं किया है।

तकनीकि संघ के अध्यक्ष भानू कुमार ने बताया है कि बिजली संकट के दौर में संघ सरकार के साथ है और सरकार को सहयोग करेगी।

जानकारी हो कि राज्य में पहले से बिजली की कमी है। इस दौरान लगभग पांच सौ मेगावाट बिजली की कमी राज्य में है। वहीं बिजली कर्मियों के हड़ताल पर जाने से राज्य में बिजली संकट गहरा सकता है।

यूनियन की मानें तो आंदोलन 18 सूत्री मांगों के विरोध में किया जा रहा है। इसके साथ ही राज्य में बिजली संकट भी गंभीर होने की संभावना है। यूनियन की मानें तो हड़ताल में दो हजार से अधिक चतुर्थ और तृतीय वर्गीय कर्मचारी शामिल है।

जिसमें तकनीकि कर्मचारी ही अधिक हैजो राज्य में बिजली व्यवस्था की कमान संभालते हैं। इसमें लाइन मेंटेंनेस से लेकर लाइन मैन, बटन पट्ट संचालक आदि शामिल है। इनमें से कुछ कर्मचारी सब डिवीजन्स में कार्यरत है। जानकारी हो कि अभी भी राज्य में सेंट्रल पुल से कटौती जारी है।

18 सूत्री मांग: यूनियन की मानें तो आंदोलन 18 सूत्री मांग के लिये किया जा रहा है। साल 2006 की अधिसूचना के तहत सभी कर्मियों को नियमित किया जायें, निगम कर्मियों को छह फीसदी उर्जा भत्ता दिया जाये, झारखंड उर्जा विकास निगम की ओर से पे मेट्रिक्स के ग्रेड पे को इनिशियल पे के अनुपात में सुधार कर बढ़ोतरी करते हुए सातवें वेतनमान के लागू होने की तिथि से दिया जायें, जूनियन इंजीनियर के पद पर आइटीआइ वालों को प्रमोशन, सभी कर्मियों के प्रमोशन के लिये परीक्षा की बाध्यता समाप्त की जायें समेत अन्य मांग शामिल है।

 

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