झारखंड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का लिया संकल्प

15 लाख के इनामी भाकपा माओवादी कमांडर इंदल गंझू ने किया सरेंडर

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चतरा : झारखण्ड सरकार ने राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है। इसी सकल्प को धरातल पर उतारने के लिए महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक (झारखण्ड,राँची) के नेतृत्व में झारखण्ड पुलिस सीआरपीएफ, झारखण्ड जगुआर एवं अन्य केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है और इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के विरूद्ध में निरंतर सफलताये भी मिल रही है। वही दूसरी और भटके नक्सलियों को मुख्य धारा लौटने के लिए झारखण्ड सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुर्नवास नीति नई दिशा का व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य उनको समाज की मुख्य धारा में जोड़ना है, जो किसी कारणवश नक्सलवाद के गलत रास्ते में भटक गये है। इसका परिणाम काफी सकारात्मक रहा है और अब तक भाकपा माओवादी सहित अन्य कई प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कई बड़े इनामी नक्सली से लेकर दस्ता सदस्य झारखण्ड पुलिस एवं केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों के समक्ष आत्मसमर्पण किये है।

 

भाकपा माओवादी कमांडर इंदल गंझू ने किया सरेंडर

15 लाख के इनामी भाकपा माओवादी कमांडर इंदल गंझू ने सरेंडर कर दिया. रांची जोनल आईजी ऑफिस में गुरुवार को आयोजित कार्यक्रम में इंदल गंझू ने आईजी अभियान एवी होमकर, रांची जोनल आईजी पंकज कंबोज, सीआरपीएफ के अधिकारी, हजारीबाग डीआईजी नरेंद्र सिंह और चतरा एसपी राकेश रंजन के समक्ष आधिकारिक तौर पर सरेंडर किया. वही राज्य की पुलिस के लिए ये एक बड़ी उपलब्धि है. वैसे अप्रैल महिने में चतरा में हुए माओवादियों और पुलिस की मुठभेड़ के बाद ये खबर सामने आ रही थी की शायद पटना पुलिस के समक्ष कमांडर इंदल गंझू सरेंडर कर सकता है. हालाकी इस बात पर पुलिस के तरफ से कोई भी बयान नहीं दिया गया था. इंदल मूल रूप से बिहार के गया जिला के इमामगंज थाना क्षेत्र के असरैन गांव का रहने वाला है और फिलहाल वो भाकपा माओवादी संगठन का रिजनल कमांडर था और उसके खिलाफ बिहार-झारखंड में करीब 100 से अधिक केस दर्ज है. सरकार ने इंदल गंझू पर 15 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. वहीं पुलिस की दबिश से परेशान होकर इंदल ने सरेंडर किया है.

 

 

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