रांची : राज्य के विश्वविद्यालय के शिक्षकों को प्रमोशन और दूसरे वित्तीय लाभ (Financial Benefits) के मामले में झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) बड़ी राहत दी है. बता दें, हाईकोर्ट ने सरकार की ओर से बनाए गए कानून की धारा 3 की शर्त को वैध नहीं करार देते हुए रद्द कर दिया है. हाई कोर्ट के आदेश के बाद राज्य के शिक्षकों को 1 दिसंबर 2009 से अगस्त 2021 के बीच उसी दिन से प्रमोशन या अन्य वित्तीय लाभ मिलेंगे, जिस दिन उन्हें प्रमोशन या दूसरे वित्तीय लाभ मिलने है. इस विषय को लेकर कलानंद ठाकुर व अन्य ने याचिका दायर की थी. इस याचिका में कहा गया था कि झारखंड सरकार ने शिक्षकों की प्रमोशन से जुड़ी यूजीसी नियमावली (UGC Rules) 2010 के अंतर्गत परिनियम बनाया है. इस क़ानून में एक शर्त लगाई गई. इसमें कहा गया था कि 1 दिसंबर 2009 से अगस्त 2021 के बीच प्रमोशन एवं वित्तीय लाभ 15 दिसंबर 2022 से देय होंगे. इस बारे में आवेदकों का कहना था कि राज्य सरकार (State government) ऐसी कोई शर्त नहीं लगा सकती. सरकार के क़ानून की यह शर्त यूजीसी के नियमों के ख़िलाफ़ है और समानता के अधिकार का उल्लंघन है. राज्य सरकार की ओर परिनियमावली बनाने में की जा रही देरी का खामियाजा शिक्षकों को भुगतना पड़ रहा है, जो गलत है. बता दें, सुनवाई के उपरांत अदालत ने सरकारी कानून की धारा तीन की शर्त को रद्द कर दिया. कोर्ट ने सरकार को तय तिथि से प्रमोशन और अन्य वित्तीय लाभ देने का निर्देश दिया.