झारखंड हाई कोर्ट ने साहिबगंज में चाइल्ड ट्रैफिकिंग मामले में अनुसंधानकर्ता को लगाई फटकार

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रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने साहिबगंज में चाइल्ड ट्रैफिकिंग से जुड़े एक मामले में आरोपित कुलदेव साह की दो क्रिमिनल अपील मामले में अनुसंधानकर्ता को कड़ी फटकार लगायी। कोर्ट ने कहा कि जब विधि विज्ञान निदेशालय एवं प्रयोगशाला, रांची से बरामद बच्चे की डीएनए रिपोर्ट 12 दिसंबर को प्राप्त हो चुकी थी, जिसमें इस बात की पुष्टि हो गई थी कि पुलिस द्वारा बरामद किये गये बच्चे का डीएनए पिता से मैच नहीं किया है यानी वह बायोलॉजिकल पुत्र नहीं है, तो फिर लापता दोनों बच्चों को खोजने की कार्रवाई क्यों नहीं की गयी।

कोर्ट ने अगली सुनवाई में भी अनुसंधानकर्ता को फिर से सशरीर उपस्थित होने का निर्देश दिया है। जस्टिस एसएन प्रसाद की कोर्ट ने बुधवार को अनुसंधानकर्ता पर नाराजगी जताते हुए कहा कि तीन सप्ताह में लापता बच्चों को ढूंढा जाये अन्यथा साहिबगंज एसपी को कोर्ट के समक्ष का सशरीर उपस्थित होना होगा। प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता प्रत्युष लाला एवं अधिवक्ता दीपक साहू ने पक्ष रखा।

विधि विज्ञान निदेशालय, रांची के डिप्टी डायरेक्टर बृज कुमार ठाकुर ने हाई कोर्ट में शपथ पत्र दाखिल किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि कोर्ट ने 8 नवंबर, 2023 को विधि विज्ञान निदेशालय से बरामद बच्चे एवं उसके पिता की डीएनए रिपोर्ट मांगी थी। डीएनए रिपोर्ट में बरामद बच्चे और उसके पिता का डीएनए मैच नहीं हुआ है, जिससे यह निष्कर्ष निकलता है कि वह बरामद लड़का पिता का बायोलॉजिकल पुत्र नहीं है।
खंडपीठ ने पूर्व की सुनवाई में दो गुमशुदा बच्चों में से पुलिस द्वारा बरामद किये गये एक बच्चे के डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट डायरेक्टर फॉरेंसिक साइंस लैबोरेट्री, रांची से मांगी थी।

 

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