झारखंड में 25 प्रतिशत तक बिजली दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव

नए बिजली टैरिफ पर अंतिम निर्णय विद्युत नियामक आयोग लेगा

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रांची : आगामी वित्तीय वर्ष में बिजली उपभोक्ताओं को जोर का झटका लग सकता है। गत तीन वर्ष से बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं का असर उपभोक्ताओं की जेब पर पड़ने वाला है।

बुधवार को झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ने वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए नया बिजली टैरिफ पिटीशन झारखंड विद्युत नियामक आयोग में दायर कर दिया है। जेबीवीएनएल ने 25 प्रतिशत तक बिजली दर में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया है।

नए वित्तीय वर्ष में आम बिजली उपभोक्ताओं को गहरा झटका लग सकता है। क्योंकि गत तीन वर्ष से बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है। अभी तक राज्य में वित्तीय वर्ष 2019-20 का ही बिजली टैरिफ लागू है। इससे इस बात की संभावना अधिक है कि आगामी वित्तीय वर्ष में बिजली दर में बढ़ोतरी तय है। अब कितना प्रतिशत तक बढ़ेगा यह नियामक आयोग तय करेगा।

जेबीवीएनएल द्वारा तीन वित्तीय वर्ष से बिजली दर में बढ़ोतरी नहीं होने के कारण तीन सालों में करीब 7400 करोड़ का रेवेन्यू गैप दिखाया है। जिसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2200 करोड़, वित्तीय वर्ष 2022-23 में 2600 करोड़ तथा वित्तीय वर्ष में 2500 करोड़ का रेवेन्यू गैप दिखाया गया है।

जेबीवीएनएल के नए बिजली टैरिफ पर अंतिम निर्णय विद्युत नियामक आयोग लेगा। आयोग नए टैरिफ को स्वीकार करेगा। इसके बाद जनसुनवाई आयोजित कर इस पर अंतिम निर्णय लेगा। सारी प्रकिया पूरी होने में तीन से चार महीने तक का समय लग सकता है।

पिछले वर्ष वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए भी दिसंबर में जेबीवीएनएल ने बिजली टैरिफ बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। मगर पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के कारण आयोग में दो मेंबरों ने उपभोक्ताओं के पक्ष में फैसला देते हुए घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ में कोई बढ़ोतरी नहीं की।

2021-22 में आयोग डिफंक्ट होने के कारण इस वित्तीय वर्ष में भी कोई बढ़ोतरी नहीं हुई। चालू वित्तीय वर्ष (2022-23) में 30 नवंबर तक आयोग ने जेबीवीएनएल के बिजली टैरिफ पर कोई निर्णय नहीं लिया। क्योंकि आयोग में चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति बहुत विलंब से हुई। इसलिए अभी भी राज्य में 2019-20 वाला ही टैरिफ लागू है।

 

 

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