झारखंड : मत्स्य पालन कर आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं गांव की महिलाएं
न रोजगार का साधन था और न पूंजी, लेकिन अब स्थिति पूरी तरह बदल गई इै
गांव के लिए उदाहरण बनी नीलमणि: रेहरगडा ग्राम की नीलमणि होरो मत्स्य उत्पादन में अब अपने गांव के लिए एक उदाहरण बन चुकी हैं। इनके इस उदाहरण बनने में जोहार परियोजना का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। नीलमणि बताती हैं कि जोहार परियोजना में जुड़ने से पहले मजदूरी का काम करती थी। साथ ही महुआ चुनना और बेचना तथा पारंपरिक खेती से जीविकोपार्जन कर रही थी। जोहार उत्पादक समूह से जुड़ने से पहले नीलमणि के पास में न तालाब था और न ही खेती-बारी के लिए जमीन। उत्पादक समूह में मछली पालन प्रशिक्षण प्राप्त कर तालाब को किराया में लेक र उसने मछली पालन किया और आज वह सफल मछली उत्पादक महिला किसान हैं।