पत्रकार सागरिका घोष और मतुआ समुदाय की ममताबाला तृणमूल राज्यसभा उम्मीदवार

तृणमूल कांग्रेस ने की चार राज्यसभा उम्मीदवारों की घोषणा

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कोलकाता, सूत्रकार : 15 राज्यों की 56 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव 27 फरवरी को होगा। तृणमूल शीर्ष नेतृत्व ने राज्यसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। रविवार को तृणमूल के एक्स हैंडल पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की गई जिनमें दो नाम चौंकाने वाले हैं। पत्रकार सागरिका घोष और मतुआ समुदाय की ममता बाला ठाकुर को राज्यसभा उम्मीदवार बनाया गया है।

तृणमूल कांग्रेस ने तीन पुराने राज्यसभा सांसदों को इस बार टिकट नहीं दिया है। उम्मीदवार सूची में सिर्फ नदीमुल हक को ही दोबारा जगह दी गई है। इस तरह से वह लगातार तीसरी बार तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा जाएंगे। अन्य तीन उम्मीदवार हैं पूर्व सांसद सुष्मिता देव, मतुआ महासंघ संघधिपति और पूर्व सांसद ममताबाला ठाकुर और पत्रकार सागरिका घोष है।

दक्षिण 24 परगना जिला (सदर) के तृणमूल अध्यक्ष सुभाशीष चक्रवर्ती, अबीर रंजन विश्वास और शांतनु सेन को राज्यसभा के लिए फिर से मौका नहीं दिया गया है। इस बार के राज्यसभा चुनाव में चार सीटों पर तृणमूल उम्मीदवारों की जीत तय है, जबकि एक सीट पर बीजेपी की जीत तय है। बीजेपी ने अभी तक अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है।

रविवार को तृणमूल कांग्रेस के एक्स अकाउंट से किए गए एक पोस्ट में लिखा गया है कि हमें आगामी राज्यसभा चुनावों के लिए सागरिका घोष, सुष्मिता देव, मोहम्मद नदीमुल हक और ममता बाला ठाकुर की उम्मीदवारी की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। हम उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं और आशा करते हैं कि वे हर भारतीय के अधिकारों की रक्षा के लिए अदम्य भावना और मुखर होने की तृणमूल की स्थायी विरासत को बनाए रखने की दिशा में काम करें।

मालूम हो कि सुष्मिता देव एक बार फिर तृणमूल से राज्यसभा सांसद बनने जा रही हैं। 2021 में कांग्रेस छोड़ने के बाद वे तृणमूल में शामिल हो गयी थीं। लेकिन पिछले बार कार्यकाल खत्म होने पर ममता ने सुष्मिता को राज्यसभा नहीं भेजा था। लेकिन एक अंतराल के बाद सुष्मिता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का विश्वास जीत लिया और राज्यसभा जा रही हैं।

माना जा रहा है कि जिस तरह से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को लोकसभा चुनाव से पहले मतुआ समुदाय के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लाने की घोषणा की,  उसे देखते हुए ही तृणमूल कांग्रेस ने मतुआ समुदाय से आने वाली ममताबाला को राज्यसभा के लिए नामित करने का फैसला किया है।

जानकारों का मानना है कि सीएम ने ममताबाला को उम्मीदवार बनाकर मतुआ वोट बैंक को सुरक्षित रखने का प्रयास किया है। 2011 में वाममोर्चा को हराकर तृणमूल की सत्ता पर कब्ज़ा करने में मतुआ समुदाय ने बड़ी भूमिका निभाई थी लेकिन 2014 के बाद से मतुआ वोट बीजेपी के घर जाने लगे।

मतुआ ठाकुर की परदादी स्वर्गीय वीणापाणि ठाकुर के छोटे पोते शांतनु ठाकुर बनगांव से सांसद बनने के बाद वर्तमान में मोदी कैबिनेट में जहाजरानी राज्य मंत्री हैं। वहीं बड़े पोते सुब्रत ठाकुर पश्चिम बंगाल विधानसभा में गायघाटा से बीजेपी विधायक हैं। उनके साथ ममताबाला के पारिवारिक संबंध जगजाहिर हैं। ऐसे में पूर्व सांसद को फिर से वापस लाने के लिए ममता ने अपना तुरुप का पत्ता खेला है।

राज्यसभा की इन सीटों पर होना है चुनाव

बता दें कि राज्यसभा में 15 राज्यों की 56 सीट के लिए द्विवार्षिक चुनाव 27 फरवरी को होना है। निर्वाचन आयोग ने पहले ही इस बात को लेकर जानकारी साझा कर दी है। चुनाव आयोग ने बताया कि 50 सदस्य दो अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे, जबकि छह सदस्य तीन अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे।

जिन राज्यों से सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं, उनमें आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और राजस्थान शामिल हैं। चुनाव आयोग के अनुसार उत्तर प्रदेश में 10, महाराष्ट्र में 6, बिहार में 6, पश्चिम बंगाल में 5, मध्य प्रदेश में 5, गुजरात में 4, कर्नाटक में 4, आंध्र प्रदेश में 3, तेलंगाना में 3, राजस्थान में 3, ओडिशा में 3, उत्तराखंड में 1, छत्तीसगढ़ में 1, हरियाणा में 1 और हिमाचल प्रदेश की एक सीट पर राज्यसभा का मतदान होगा।

कब-कब खाली हो रही राज्यसभा सीटें

चुनाव आयोग ने बताया कि सबसे अधिक संख्या में 10 सांसद उत्तर प्रदेश से 2 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त होंगे। इसके अलावा महाराष्ट्र और बिहार दोनों में 6 सदस्य 2 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस बीच, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश में प्रत्येक में 5 सदस्य उसी तिथि पर सेवानिवृत्त होंगे।

कर्नाटक और गुजरात दोनों में 2 अप्रैल, 2024 को 4 सदस्यों की सेवानिवृत्ति होगी। आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और राजस्थान, प्रत्येक में तीन सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं। जबकि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सदस्य 2 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, ओडिशा और राजस्थान के सदस्य 3 अप्रैल, 2024 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। छत्तीसगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में से प्रत्येक में 2 अप्रैल, 2024 को एक सदस्य की सेवानिवृत्ति होगी।