IAS राजीव अरुण एक्का के खिलाफ न्यायिक जांच आरम्भ, जनता से माँगा गया सबूत

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रांची : IAS राजीव अरुण एक्का के वायरल वीडियो की जांच कर रही. एकसदस्यीय जांच आयोग ने वीडियो की जानकारी रखने वालों से सबूत मांगा है. आयोग की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और सीएम के पूर्व प्रधान सचिव आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का को… नोटिस भेजा गया है.  भेजे गए नोटिस में बाबूलाल से कहा गया है कि उनके पास वीडियो से संबंधित जो भी साक्ष्य हैं, वो जांच आयोग को उपलब्ध कराएं. वहीं आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का से कहा गया है कि वायरल वीडियो के बारे में वो जो भी जानते हैं. उसे आयोग के सामने 15 जून तक रखें जांच आयोग की ओर से नोटिस भेजे जाने के बाद अब देखने वाली बात यह होगी कि बाबूलाल मरांडी आयोग के समक्ष अपने सबूतों के साथ पेश होते हैं या नहीं क्योंकि यह आयोग सरकार की तरफ से बनाया गया है. और बाबूलाल मरांडी बीजेपी की तरफ से नेता प्रतिपक्ष की रोल में है.आयोग की तरफ से भेजे गए नोटिस के राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

 

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बताते चलें कि पूर्व मुख्मंत्री बाबूलाल मरांडी ने ही एक प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को यह वीडियो दिखाया व उपलब्ध कराया था. इसके बाद आईएएस अधिकारी राजीव अरूण एक्का के खिलाफ सरकार ने कार्रवाई करते हुए. उन्हें सीएम के प्रधान सचिव और गृह सचिव के पद के पद से हटा दिया था. एक सदस्यीय आयोग बनाने की सूचना कार्मिक विभाग की तरफ से पिछले महीने जारी की गयी थी. लेकिन जांच किसके खिलाफ करनी है, वो अधिसूचना में लिखा हुआ ही नहीं था. जारी अधिसूचना में लिखा था कि “एक छोटा सा वीडियो क्लिप में महत्वपूर्ण पदों पर आसीन एक लोक सेवक द्वारा  तथाकथित अधिकारी पद के दुरुपयोग से संबंध आरोप एवं इसे जुड़े सभी मामलों की जांच हेतु झारखंड सरकार के आदेश से  माननीय मुख्य न्यायाधीश विनोद कुमार गुप्ता की अध्यक्षता में एक सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया गया है” मुख्यमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव और गृह विभाग के पूर्व सचिव रहे. बता दे कि आईएएस अधिकारी राजीव अरुण एक्का का  एक वीडियो अप्रैल महीने में वायरल हुआ था. वायरल वीडियो पावर ब्रोकर विशाल चौधरी के अशोक नगर स्थित आवास का बताया जा रहा था.  बताते चलें कि इस आवास पर ईडी छापेमारी भी कर चुका है. आईएएस राजीव अरुण एक्का उस वीडियो में सरकारी फाइल निबटाते नजर आए थे. वहीं आईएएस अधिकारी के बगल में एक महिला दिखायी दे रही थी. जिसे पावर ब्रोकर विशाल चौधरी का स्टाफ बताया जा रहा था. वहीं वीडियो के ऑडियो में विशाल चौधरी किसी से पैसे लेने की बात करता हुआ सुनाई दे रहा था.