कोलकाताः कोलकाता हाईकोर्ट ने तृणमूल विधायक माणिक भट्टाचार्य पर जुर्माना दुगना कर दिया गया है। उन्हें दो लाख रुपये के बदले अब चार लाख रुपये देने होंगे। उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने सोमवार को प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष को यह आदेश दिया।
इससे पहले जस्टिस गंगोपाध्याय ने माणिक पर दो लाख रुपए का जुर्माना लगाया था। 16 फरवरी तक पैसा देने को कहा था, लेकिन माणिक ने अभी तक जुर्माना जमा नहीं दिया है।
इसके विपरीत, उनके वकील ने जुर्माना कम करने के लिए आवेदन किया था। उसके बाद जस्टिस गंगोपाध्याय ने जुर्माना दो लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दिया।
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गंगोपाध्याय ने निर्देश दिया कि अगले 10 दिन के अंदर 4 लाख रुपये जमा करने होंगे। दूसरी ओर, माणिक पहले ही न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय के पहले के आदेश को चुनौती देते हुए खंडपीठ का दरवाजा खटखटा चुके थे। हालांकि, डिवीजन बेंच ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं सुनाया है।
गौरतलब है कि, मलारानी पाल नाम के एक अभियर्थी को आठ साल तक प्राथमिक भर्ती परीक्षा (टीईटी) का नतीजा नहीं पता था। इस वजह से वह लगातार दो बार टेट में नहीं बैठ सकी।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य को उम्मीदवारों के करियर के संबंध में प्राथमिक शिक्षा बोर्ड की ‘गैरजिम्मेदारी’ के लिए जिम्मेदार ठहराया।
पिछली जनवरी में जस्टिस गंगोपाध्याय ने बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक पर दो लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। वहीं, जस्टिस गंगोपाध्याय ने कहा कि माणिक को 15 दिनों के भीतर पैसे चुकाने होंगे।