ज्योतिप्रिय मल्लिक को उनके परिवार के कहने पर मंत्री पद से हटाया गया

जेल जाने के बावजूद सीएम ममता बनर्जी ने ज्योतिप्रिय को मंत्री से नहीं हटाया था

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कोलकाताः मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ज्योतिप्रिय मल्लिक (बालू) को उनके परिवार के अनुरोध पर ही मंत्री पद से मुक्त किया था। 16 फरवरी को अचानक राजभवन से सूचना मिली कि राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने ज्योति प्रिय के पास मौजूद वन विभाग राज्य मंत्री बीरबाहा हांसदा को सौंप दिया है। सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक को ज्योतिप्रिय के जिम्मे रहा औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग का प्रभार दिया जा रहा है। ज्योतिप्रिय को मंत्री पद से हटाने के कारणों का खुलासा अभी जाकर हुआ।

गौरतलब है कि राशन भ्रष्टाचार की जांच में राज्य के वन मंत्री और पूर्व खाद्य मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक  को 27 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया गया था। प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) के अधिकारियों ने दुर्गा पूजा से पहले मंत्री के घर पर मैराथन तलाशी के बाद रात में उन्हें गिरफ्तार कर लिया। 20 घंटे से ज्यादा की तलाशी और पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार करने का फैसला किया गया। ईडी सूत्रों ने दावा किया कि मंत्री के घर से राशन वितरण से जुड़े अहम दस्तावेज बरामद हुए हैं।

हाबरा के विधायक और राज्य मंत्री चार महीने से अधिक समय से जेल में बंद हैं। हालांकि बीमारी के कारण उन्हें एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन वे ठीक होकर जेल लौट आए। उनकी जमानत अर्जी पहले भी कई बार कोर्ट से खारिज हो चुकी है। ज्योतिप्रिय के जेल जाने के बाद चार महीनों के दौरान यह सवाल बार-बार उठता रहा है कि मुख्यमंत्री ममता उन्हें मंत्रिमंडल से क्यों नहीं हटा रही हैं? लेकिन कुछ दिनों पहले क्यों उन्हें हटाया गया? तृणमूल सूत्रों के मुताबिक मंत्री के परिवार के अनुरोध पर मुख्यमंत्री ने यह फैसला लिया था। हाल ही में ज्योतिप्रिय के भाई देबप्रिय मल्लिक, जो पेशे से डॉक्टर हैं, ने पार्टी के एक वरिष्ठ नेता से मुलाकात की। दोनों की काफी देर तक बातचीत हुई। उस मुलाकात में देबप्रिय ने वरिष्ठ नेता को मल्लिक परिवार की स्थिति के बारे में बताया। मल्लिक परिवार की ओर से बताया गया कि वे चाहते हैं कि ज्योतिप्रिय को जमानत मिले। लेकिन ईडी बार-बार अदालत में ज्योतिप्रिय को ‘प्रभावशाली’ बताकर उनकी जमानत का विरोध कर रहा है। नतीजतन, जमानत के लिए आवेदन करने का भी नतीजा नहीं निकल रहा है। इसलिए उन्हें मंत्री पद से हटा दिया जाए।’ सत्तारूढ़ खेमे के वरिष्ठ नेताओं के साथ देबप्रिय की बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि मल्लिक परिवार की ओर से सीधे मुख्यमंत्री से अपील की जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक, ज्योतिप्रिय के भाई देबप्रिय को पिछले सप्ताह मुख्यमंत्री ने उन्हें कालीघाट स्थित अपने घर बुलाया था। बालू के दादा ने कालीघाट स्थित आवास पर जाकर मुख्यमंत्री को मल्लिक परिवार के अनुरोध के बारे में बताया। ममता ने आश्वासन दिया कि वह उनके आवेदन पर विचार करेंगी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने ज्योतिप्रिय को पद से हटाने की अनुशंसा राजभवन को भेजने का आदेश दिया। उनके निर्देश पर अनुशंसा की फाइल 15 फरवरी को राजभवन गयी और 16 तारीख को राज्यपाल ने नवान्न की सिफारिश पर मुहर लगा दी। ज्योतिप्रिय की गिरफ्तारी के बाद मुख्यमंत्री बार-बार उनके पक्ष में खड़ी रही हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने ‘साजिश’ के तहत वन मंत्री को गिरफ्तार कराया है।