टीएमसी कार्यालय में बैठकर नौकरियां बेचता था ‘काकू’

ईडी ने आरोप पत्र में किया दावा

99

 

कोलकाता: केंद्रीय जांच एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, सुजयकृष्ण भद्र स्कूल भर्ती घोटाले के मुख्य किरदारों में से एक हैं। जैसा कि पहले ही आरोप पत्र में कहा गया है, यह सुजय ही था जो अभिषेक बनर्जी के संदेश (संदेश को लेकर अभी तक स्पष्टता नहीं है) माणिक भट्टाचार्य तक पहुंचा रहा था, जो इस भ्रष्टाचार मामले में पकड़ा गया था। भर्ती भ्रष्टाचार में गिरफ्तार सुजय उर्फ ​​कालीघाट के काकू के बारे में ईडी ने आरोप लगाया है कि वह खास कालीघाट स्थित तृणमूल पार्टी कार्यालय में बैठकर नौकरियां बेचने का चक्र चलाता था।

ईडी ने शुक्रवार को काकू के नाम पर चार्जशीट पेश की थी। जांच एजेंसी के मुताबिक, सुजय ने पूछताछ के दौरान जांच अधिकारियों के सामने यह बात कबूल की है। इस आरोप पत्र में ईडी ने कहा कि सुजय प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष माणिक का करीबी था, जो भर्ती भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की हिरासत में हैं। जांचकर्ताओं के अनुसार, सुजय ने ही बताया था कि मुख्य रूप से उनकी सिफारिश पर ही माणिक को 2021 विधानसभा चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार के रूप में टिकट मिला था।

हाल ही में दायर की गई चार्जशीट में ईडी ने आरोप लगाया है कि सुजय कालीघाट स्थित तृणमूल कार्यालय में बैठकर टेढ़े-मेढ़े तरीके से नौकरी चाहने वालों से मिलते थे। उन्होंने भर्ती भ्रष्टाचार के आरोपी दो निष्कासित तृणमूल युवा नेताओं कुंतल घोष व शांतनु बंद्योपाध्याय और कालीघाट के उस कार्यालय में निजी कॉलेज संगठन के नेता तापस मंडल के साथ भी बैठक की। जांचकर्ताओं ने यह भी दावा किया कि उसने 2012-14 तक टेट नौकरी के इच्छुक लोगों की सूची कुंतल और तापस के माध्यम से माणिक को भेजी गई थी।

तापस ने दावा किया कि टीवी-कैमरे के सामने सुजय को सत्ता हलकों में कालीघाट के काकू के रूप में जाना जाता है। बाद में पता चला कि वह तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के कार्यालय में काम करता था। सुजय ने खुद दावा किया था कि उनके साहब अभिषेक को कभी छुआ नहीं जाएगा। ईडी सूत्रों का दावा है कि प्रभावशाली काकू खास कालीघाट में बैठकर नौकरियां बेचने का चक्र चला रहा था, इसलिए इसे महत्वपूर्ण जानकारी माना जाता है।

इस बीच, ईडी ने सुजय के मोबाइल से मिले कई वॉयस मैसेज की जांच शुरू कर दी है। उनका दावा है, अगर इन्हें अदालत में सबूत के तौर पर पेश किया जाए तो कई और प्रभावशाली लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। इसके लिए हमें सुजय का वॉयस सैंपल चाहिए, लेकिन सुजय ने वह सैंपल देने में आपत्ति जताई। वह आपत्ति अदालत में टिक नहीं पाई। कोर्ट ने कहा कि ईडी पैरोल से जेल लौटने के तीन दिन के भीतर सैंपल इकट्ठा करेगी। जांचकर्ताओं के मुताबिक, सुजय बीमारी के बहाने समय बर्बाद करने के खेल में लग गए हैं ताकि किसी भी तरह से सैंपल न देना पड़े।