कमल दहल प्रचंड होंगे नेपाल के नए पीएम, ओली ने दिया समर्थन

गठबंधन के साथ बनी है सरकार

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काठमांडू : नेपाल में एक बार फिर सत्ता परिवर्तन हो गया है। पुष्प कमल दहल प्रचंड नेपाल के अगले प्रधानमंत्री होने जा रहे हैं। नेपाल की राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी ने इसकी घोषणा की है। प्रचंड का शपथ ग्रहण शोमवार शाम 4 बजे होगा । प्रचंड ने कम्यनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली समेत 5 अन्य दलों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की घोषणा की है।

इससे पहले भी प्रचंड दो बार नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभाल चुके हैं । उन्होंने पहली बार 2008 में प्रधानमंत्री का पद संभाला था हालांकि वो केवल एक साल ही सत्ता के शीर्ष पर रह पाए। दूसरी बार 2016 में प्रधानमंत्री बने उस वक्त भी उनका कार्यकाल 1 साल से ज्यादा नहीं बढ़ पाया । इस बार उन्होंने पांच दलों के साथ गठबंधन किया है। हालांकि गठबंधन के तहत ढाई साल तक प्रचंड PM रहेंगे। इसके बाद CPN-UML सत्ता संभालेगी। इसके मायने ये हुए कि पूर्व पीएम केपी शर्मा ओली एक बार फिर प्रधानमंत्री बनेंगे।

नए गठबंधन को 275 सदस्यीय संसद में से 165 सांसदों का समर्थन प्राप्त है। इस चुनाव में नेपाली कांग्रेस ने 275 सीटों में से 89 जीती हैं, CPN-UML के खाते में 78 सीटें गई हैं और CPN-Maoist को 32 सीटों से संतुष्ट करना पड़ा है। पहली बार चुनाव लड़ रही राष्ट्रीय स्वतंत्रता पार्टी ने भी 20 सीटे अपने नाम की हैं, जनता समाजवादी पार्टी ने 12 सीटें जीती हैं जनमत पार्टी के खाते में 6 सीटें गई हैं।

कमल दहल प्रचंड और केपी शर्मा ओली दोनों का झुकाव भारत से ज्यादा चीन की तरफ रहता है । भारत और नेपाल के बीच कालापानी और लिपुलेख दर्रा को लेकर विवाद हुआ था। उस समय चीन समर्थक ओली की सरकार थी। प्रचंड ने समर्थन वापस लिया तो ओली की सत्ता चली गई और भारत समर्थक देउबा प्रधानमंत्री बने, तब जाकर विवाद शांत हुआ।

भारत नेपाल का बस पड़ोसी भर नहीं है। कहा जाता है इन दोनों देशों के बीच बेटी और रोटी का रिश्ता है। भारत और नेपाल के बीच कई व्यापारिक समझौते भी हैं। ओली के समर्थन से सरकार बन रही है तो एक आशंका है कि चीन के चंगुल में फंसकर ओली कुछ फैसलों के लिए दबाव बनाएं । हालांकि उन्हें यह भी याद रहेगा कि भारत के खिलाफ होने पर ही प्रचंड ने समर्थन वापस लिया था।