सुप्रीम कोर्ट में कामदूनी कांड की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित

सभी पक्षों को नोटिस देने का आदेश

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कोलकाता, सूत्रकार : सुप्रीम कोर्ट ने बंगाल के चर्चित कामदूनी दुष्कर्म एवं हत्याकांड की सुनवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी है। मृतका के भाई ने सुप्रीम कोर्ट में अलग से एसएलपी दायर की थी। मंगलवार सुबह मामले की सुनवाई हुई। कोर्ट ने शिकायतकर्ता से हलफनामा मांगा। जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने मामले में आठ अभियुक्तों को नोटिस देने का भी आदेश दिया।

छह में से चार दोषी बरी

गौतलब है कि चर्चित इस कांड में कलकत्ता उच्च न्यायालय ने कामदूनी मामले में छह में से चार दोषियों को बरी कर दिया था। मौत की सजा पाए एक व्यक्ति को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया और बाकी दो दोषियों की मौत की सजा रद्द कर उसे आजीवन कारावास बदल दिया था।

2016 में तीन को फांसी की सजा सुनाई गई थी

कोलकाता की नगर दायरा अदालत ने 2016 में मामले में छह लोगों को दोषी करार देते हुए तीन को फांसी और तीन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। अभियुक्तों ने निचली अदालत के फैसले के विरुद्ध कलकत्ता हाई कोर्ट का रूख किया था, जहां लंबी सुनवाई के बाद आदेश सुनाया गया था।

गौरतलब है कि सात जून, 2013 को कोलकाता से सटे राजारहाट इलाके में स्थित एक कॉलेज से घर लौटते वक्त एक छात्रा के साथ कामदूनी इलाके में सामूहिक दुष्कर्म हुआ था। दुष्कर्म के बाद उसकी निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। छात्रा का खून से लथपथ शव बरामद हुआ था। इस वारदात को लेकर बंगाल की राजनीति काफी गरमाई थी। बहरहाल कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए मृतका के भाई और परिवार के सदस्यों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। अब सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई हो रही है। पीड़ित परिवार न्याय की मांग कर रहे हैं।