खूंटी : अटूट श्रद्धा का केंद्र है रंगरोड़ी धाम की गुफा में विराजमान शिवलिंग

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खूंटी : वैसे तो भगवान बिरसा मुंडा की धरती खूंटी बाबा आम्रेश्वर धाम, नकटी देवी मंदिर सोनपुर गढ़, माता सोनमेर मंदिर, पाट पहाड़ कर्रा सहित कई धार्मिक स्थल हैं, पर इनमें बहुत कम ऐसे हैं, जहां आस्था के साथ ही बहुत ही मनोरम, घने जंगल और नदी, गुफा आदि का आनंद एक साथ लोगों को मिलता हो। जिले की मुरही पंचायत के बड़़ा बारू का रंगरोड़ी धाम सैकड़ों वर्षों से लोगों की आस्था और विश्वास का केंद्र बना हुआ है।

 

जिला मुख्यालयसे लगभग बीस किमी और हुटार से आठ किलोमीटर पूर्व की ओर घने जंगलों के बीच कांची नदी के किनारे एक गुफा के अंदर स्थित शिवलिंग के दर्शन करने से एक अलग सुखद अनुभूति होती है। गुफा से अनवरत गिरता झरना बाबा भोलेनाथ का हर समय जलाभिषेक करता रहता है। यह झरना कभी नहीं सूखता। बाबा औघड़दानी भोलेनाथ की पूजा के लिए भक्तों को अत्यंत ही संकरे रास्ते से गुफा में उतरना पड़ता है और पानी में खड़ा होकर भक्तों को पूजा-अर्चना करनी पड़ती है।

 

सावन के महीने में तो सुबह से शाम तक श्रद्धालुओं का यहां तांता लगता है। 14 जनवरी को रंगरोड़ी धामें में विशाल टुसू मेला लगता है, जहां दर्जनों गांवों के लोग अपने नृत्य दल आकर्षक चौड़ल के साथ भाग लेते हैं। मंदिर के पुजारी बिशु पाहन बताते हैं कि रंगरोड़ गांव में एक महिला शिव की हर रोज आराधना करती थी। एक दिन उन्हें सपने में उसने गुफा में शिवलिंग के दर्शन किये। सुबह महिला ने इस गुफा में शिवलिंग को देखा और तब से यहां हर दिन भोलेनाथ के दर्शन-पूजन के लिए भक्त पहुंचते हैं। गुफा के पास ही चट्टानों पर बना एक स्वनिर्मित जलकुंड है। पुजारी बिशु पाहन बताते हैं कि भीषण गर्मी में भी यह जलकुंड कभी नहीं सूखता।

 

अर्जुन मुडा ने की पहल, अब होगा कायाकल्प

जनजातीय मामलों के केंद्रीय मंत्री और खूंटी के सांसद अर्जुन मुंडा ने जनता की मांग पर रंगरोड़ी धाम के विकास की पहल की है। दो रोज पहले उप विकास आयुक्त नीतीश कुमार सिहं और जिला सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने रंगरोड़ी धाम को दौरा कर विकास के संभावना पर चर्चा की थी। सांसद प्रतिनिधि मनोज कुमार ने बताया कि रंगरोड़ी धाम का विकास पर्यटन स्थल के रूप में किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सैलानियों के आने से इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।