HC ने शुभेंदू के पैतृक निवास के सामने जमावड़े पर लगाया प्रतिबंध
कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
कोलकाताः कलकत्ता हाई कोर्ट (Calcutta High Court) ने बुधवार को बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदू अधिकारी के पैतृक आवास राज्य के पूर्व मेदिनीपुर जिले के कोंटाई में किसी भी तरह के जमावड़े पर रोक लगा दी है।
पिछले कुछ दिनों से तृणमूल कांग्रेस के छात्रसंघ, तृणमूल छात्र परिषद के कार्यकर्ता अधिकारी के कोंटाई स्थित आवास के सामने जमा हो रहे हैं।
नेता प्रतिपक्ष को मानसिक और शारीरिक अस्थिरता से पीड़ित बताते हुए कार्यकर्ता उनके आवास के सामने फूलों के गुलदस्ते और जल्दी ठीक हो जाओ मैसेज के साथ ग्रीटिंग कार्ड के साथ एकत्र हुए थे।
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उनमें से कुछ ने उनके आवास में घुसने की भी कोशिश की, लेकिन वहां मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने उनका विरोध किया।
अधिकारी ने इसको लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट की न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा की एकल-न्यायाधीश पीठ से संपर्क किया। न्यायमूर्ति मंथा ने उनके के पैतृक आवास के सामने ऐसी सभी सभाओं पर रोक लगा दी।
न्यायमूर्ति मंथा ने पूर्व मेदिनीपुर जिला पुलिस अधीक्षक को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि कोंटाई पुलिस थाने के प्रभारी निरीक्षक को आवश्यक निर्देश देकर यह सुनिश्चित किया जाए कि ऐसी सभाएं न हों।
न्यायमूर्ति ने राज्य सरकार को यह भी निर्देश दिया है कि अधिकारी के पैतृक आवास के सामने वास्तव में क्या हुआ, इसकी विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश की जाए।
कोर्ट में बहस के दौरान अधिकारी के वकील ने बताया कि कुछ लोग उनके मुवक्किलों के निवास के सामने उनका उपहास करने के लिए ग्रीटिंग कार्ड और लाल गुलाब लेकर इकट्ठा हो रहे हैं।
न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि शायद यह अधिकारी के प्रति उनके प्रेम की अभिव्यक्ति है। न्यायाधीश की राय के अनुसार अधिकारी के वकील ने कहा कि उस सभा में आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल प्रेम की अभिव्यक्ति नहीं हो सकता।
न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि तो यह बेहतर है कि अत्यधिक प्यार न दिखाएं, क्योंकि इससे ब्लड शुगर लेवल में वृद्धि हो सकती है।