गीता के श्लोकों से गूंजा कोलकाता, एक लाख लोगों ने किया सामूहिक गीता पाठ

प्रधानमंत्री ने खास संदेश भेजकर की तारीफ

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कोलकाता, सूत्रकार : कोलकाता के परेड मैदान में आज एक लाख लोग सामूहिक रूप से गीता पाठ कर रहे हैं। अखिल भारतीय संस्कृत परिषद और मातीलाल भारत तीर्थ सेवा मिशन की ओर से इस गीता पाठ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की बात कही जा रही थी लेकिन प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। प्रधानमंत्री ने एक खास संदेश जारी करके इस कार्यक्रम की तारीफ की है।

पीएम मोदी ने संदेश में लिखी ये बात

अपने संदेश में पीएम मोदी ने लिखा कि ‘कोलकाता के परेड ग्राउंड में आयोजित किया जा रहा ‘लोक्खो कॉन्ठे गीतार पाठ’ कार्यक्रम बेहद सराहनीय है। इसे संयुक्त रूप से सनातन संस्कृति संसद, मातीलाल भारत तीर्थ सेवा मिशन आश्रम और अखिल भारतीय संस्कृत परिषद द्वारा आयोजित किया जा रहा है। पीएम मोदी ने लिखा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत, परंपराओं, ज्ञान, दर्शन-आध्यात्मिक बौद्धिकता, समावेश, सांस्कृतिक विविधता और सद्भाव का मिश्रण है। श्रीमद भागवत गीता महाभारत काल से लेकर हमारी स्वतंत्रता की आजादी तक और अभी भी हम सभी को प्रेरित कर रही है। पीएम मोदी ने लिखा कि गीता हमें एक अर्थपूर्ण जीवन जीने की दिशा दिखाती है और जीवन की चुनौतियों से निपटना सिखाती है।’

300 से अधिक संत कार्यक्रम में शामिल

कोलकाता में हो रहे इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए दुनियाभर से 300 से अधिक संत कोलकाता पहुंचे थे। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले लोगों ने ऑनलाइन और ऑफलाइन आवेदन किया था। कार्यक्रम के आयोजकों में शामिल स्वामी निर्गुणानंद ने बताया कि 5-5 हजार लोगों के 20 ब्लॉक बनाए गए थे। इस कार्यक्रम के जरिए गिनीज रिकॉर्ड पर भी नजर है। कार्यक्रम के आयोजकों ने जुलाई में ही मेजबानी की तैयारी शुरू कर दी थी।

 

बंगाल में चल रही विभाजन की साजिश, एकजुटता की आवश्यकता: द्वारिका शंकराचार्य

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर रविवार को गीतापाठ का आयोजन किया गया। गेरुआ खेमा की ओर से कार्यक्रम को सफल बताया। वहीं, तृणमूल कांग्रेस ने इसे असफल बताया। रविवार सुबह 10 बजे ब्रिगेड मैदान पर कार्यक्रम शुरू हुआ। ब्रिगेड को कुल 20 अलग-अलग डिविजनों में बांटा गया है।

प्रत्येक अनुभाग में पांच हजार लोगों के लिए गीता पाठ की व्यवस्था की गई थी। देश के विभिन्न हिस्सों से लोग ब्रिगेड की ओर उमड़ पड़े। बीजेपी नेता रुद्रनील घोष, नेता अग्निमित्रा पॉल, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से लेकर कई विधायक और सांसद मौजूद थे।

उनका मानना ​​है कि बंगाल की धरती पर ऐसी और भी पहल होनी चाहिए। उनका दावा है कि ब्रिगेड की ये भीड़ कह रही है कि देश गीता के सहारे एकजुट होगा। इस दौरान गीता पाठ में मौजूद द्वारिका शंकराचार्य ने कहा कि बंगाल में विभाजन की साजिश चल रही है।

इस गीतापाठ समारोह में पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शामिल होना था, लेकिन बाद में पता चला कि वह नहीं आएंगे। हालांकि, मोदी ने ब्रिगेड के कार्यक्रम के लिए आयोजकों को पत्र भेजकर बधाई दी है, जिसमें वह लिखते हैं, लाखों आवाजों में गीता का पाठ करने से हमारी सामाजिक समरसता मजबूत होगी। जो देश के विकास के लिए जरूरी भी है। लाखों आवाजों में गीता-पाठ सभी के लिए शांति लाए।

विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि गीता पथ कार्यक्रम सफल रहा। प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष ने यह भी कहा कि इसका लोकसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। जमीनी स्तर का काम ये बातें कहना है।

वे भ्रष्टाचार से छुटकारा नहीं पा सकते। गीता पाठ के बारे में इससे बेहतर क्या कहा जा सकता है। वहीं, तृणमूल प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि गीता पथ कार्यक्रम को लेकर वित्तीय अनियमितता, गुटबाजी और जबरन वसूली की खबरें आ रही हैं। हम सब गीता का सम्मान करते हैं। लेकिन 3750 लोगों वाले इस लोकनाट्य का कोई मतलब नहीं है।

प्रधानमंत्री खुद नहीं आये क्योंकि लोग नहीं होंगे। इसको लेकर सीपीएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि इस देश में मंदिर, मस्जिद और चर्च हैं। सबका सम्मान है लेकिन उससे बेरोजगारी का समाधान नहीं होता इसलिए इस पर राजनीति करना संभव नहीं है।