राज्य में हर जिले के 2 अस्पतालों में होगा कोविड यूनिट

राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 10 से नीचे:  स्वास्थ्य निदेशक सिद्धार्थ नियोगी

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कोलकाताः कोरोना के नए वेरिएंट बीएफ-7 को लेकर पूरे देश में आतंक फैला हुआ है। केंद्र सरकार ने भी सतर्कता और बचाव के निर्देश जारी किये हैं।

राज्य सरकार भी इसे लेकर सतर्क है, लेकिन पूरे अस्पताल को फिलहाल कोरोना के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। इसके बजाय स्वास्थ्य भवन ने ओमिक्रॉन के नए सब वेरियंट से निपटने के लिए राज्य के सभी जिलों के दो सरकारी अस्पतालों में कोरोना यूनिट बनाने का फैसला किया है।

स्वास्थ्य निदेशक सिद्धार्थ नियोगी ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या 10 से नीचे है। इसलिए सिर्फ कोरोना के इलाज के लिए किसी अस्पताल को नामित करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

विभाग पूरी तरह तैयार है। उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ी तो आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य भवन के मुताबिक वर्तमान में राज्य में 20 एलएमओ और 79 पीएसए प्लांट हैं।

कोरोना इलाज के लिए सरकारी स्तर पर चिन्हित 32,268 बिस्तरों में से लगभग 30,000 ऑक्सीजन से लैस हैं। इसके अलावा सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की समुचित आपूर्ति पर जोर दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार स्वास्थ्य सचिव नारायणस्वरूप ने शनिवार की सुबह निगम के स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोरोना की स्थिति को लेकर एक बैठक की। वहां कई मुद्दों पर निर्णय लिया गया है।

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि सभी जिलों में आरटी-पीसीआर, एंटीजेन टेस्ट के लिए अधोसंरचना अच्छी तरह से बनाई जाए। कुल मिलाकर 1.15 लाख  किट खरीदने की योजना बनायी गयी है।

जिन अस्पतालों में कोरोना का इलाज होगा। उनके इंफ्रास्ट्रक्चर की समीक्षा की जाएगी। ऑक्सीजन प्लांट्स को भी टेस्ट करने को कहा गया है।

केंद्र ने राज्यों को कोरोना से निपटने के लिए गाइडलाइन भेजी है। यह ऑक्सीजन की आपूर्ति बनाए रखने के लिए भी कहा गया है। पिछली लहरों में ऑक्सीजन की कमी से कई लोगों की मौत हो गई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा इस दिन राज्य को भेजे गए पत्र में ऑक्सीजन इंफ्रास्ट्रक्चर, खासकर एलएमओ और पीएसए प्लांट के रखरखाव पर जोर दिया गया है।