कुजू डैम चौक का नाम अब शहीद गंगाराम कालुंडिया चौक,पूर्व सीएम मधु कोड़ा ने किया उदघाटन

गंगाराम कालुंडिया के शहीद दिवस 4 अप्रैल को स्थापित होगा आदमकद प्रतिमा

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चाईबासा : राजनगर प्रखंड के कुजू में बुधवार को बाजार चौक का नामकरण शहीद गंगाराम कालुंडिया के नाम पर किया गया। इसका उदघाटन पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने “शहीद गंगाराम कालुंडिया चौक” लिखा साइन बोर्ड लगाकर किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस नामकरण के बाद अब 4 अप्रैल को होनेवाले गंगाराम कालुंडिया शहीद दिवस से पहले उसकी आदमकद प्रतिमा इसी चौक में स्थापित की जाएगी। ताकि उनके बलिदान को आनेवाली पीढ़ियां भी याद रखें और उनके संघर्षों से प्रेरणा ले सके। इसके पहले कुजू पंचायत भवन में शहीद गंगाराम कालुंडिया प्रतिमा स्थापना समिति की बैठक मधु कोड़ा की अध्यक्षता में हुई। बैठक में कुजू गांव के ग्राम मुंडा सुकेश प्रधान, डूब क्षेत्र के आंदोलनकारी, ग्रामीण मौजूद थे। बैठक में मधु कोड़ा ने कहा कि शहीद गंगाराम कालुंडिया ने हमारी जमीन तथा अस्मिता की रक्षा के लिये अपनी जान की कुर्बानी दी थी। इसलिये हमें उसके बलिदान को कभी नहीं भूलना चाहिये। उनके बलिदान तथा संघर्ष को याद रखने और उससे प्रेरणा लेने के लिये कुजू स्थित बाजार चौक का नामकरण शहीद गंगाराम कालुंडिया के नाम पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि डैम के विरुद्ध अंदोलन को और सशक्त तथा प्रभावशाली बनाने की जरूरत है। तभी हमें अपने लक्ष्य में सफलता मिल सकेगी। उन्होंने कहा कि प्रतिमा की स्थापना में आम लोग भी स्वेच्छा से यथाशक्ति चंदा दे सकते हैं। प्रतिमा स्थापना के काम में सबों का सहयोग अपेक्षित है।

प्रतिमा स्थापना के लिए बनायी गयी कमिटि

मधु कोड़ा ने कहा कि इस परियोजना से करीब 126 गांव डूब रहे हैं जो दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे में हमें अपनी अस्मिता की रक्षा के लिये मजबूती से अपनी बात को सरकार के समक्ष रखने की जरूरत है। बैठक में प्रतिमा स्थापना के लिये सर्वसम्मति से एक समिति बनायी गयी जिनका नाम शहीद गंगाराम कालुंडिया प्रतिमा स्थापना समिति रखी गयी। इसमें संरक्षक मधु कोड़ा, अध्यक्ष जयश्री तियू, सचिव पूर्णचंद्र गोप तथा टाईगर हेंब्रम, कोषाध्यक्ष विश्वनाथ तामसोय तथा सदस्यों में सुकेश प्रधान (ग्राम मुंडा), दाशकन कुदादा, मरकांडे बानरा, सुरेंद्र बिरुली, चंद्रराय टुडू तथा संतोषी मुंडा के नाम शामिल हैं। बैठक में कैरा बिरुवा, हरीश बोदरा, दीकू सावैयां, मथुरा चांपिया, राजेन बानरा, दुलूराम आल्डा, राजेंद्र बिरुली, सुरेंद्र बिरुली समेत अन्य लोग मौजूद थे।

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