कोलकाता, सूत्रकार : तृणमूल पार्टी के प्रवक्ता और प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की टिप्पणी पर तंज कसते हुए मंगलवार को उन्हें एक खुली चुनौती दी। तृणमूल भवन में एक संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने जस्टिस गंगोपाध्याय को संबोधित करते कहा कि यदि आप इतने उत्सुक हैं, तो न्यायाधीश का पद छोड़ें और 2024 के लोकसभा चुनाव में डायमंड हार्बर में अभिषेक बनर्जी के खिलाफ उम्मीदवार बनें।
बता दें कि कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अभिजीत गंगोपाध्याय ने सोमवार को टिप्पणी की थी कि अभिषेक बनर्जी की संपत्ति कहां से आती है? तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव हलफनामा देकर अपनी संपत्ति की घोषणा करें।
इसके बाद तृणमूल पार्टी के प्रवक्ता और प्रदेश महासचिव कुणाल घोष ने उन्हें खुली चुनौती दी। कुणाल घोष ने पलटवार करते हुए कहा कि अगर आप अभिषेक की संपत्ति के बारे में इतने ही उत्सुक हैं तो उनके हलफनामे पर नजर डालें। वहां आप को सब कुछ मिलेगा।
उन्होंने आगे कहा कि यह आपका आखिरी साल है। इसी साल रिटायरमेंट है, इसलिए आप स्वेच्छा से सेवानिवृत्त हो जाएं और अभिषेक के विरोध वाली पार्टी से डायमंड हार्बर से 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ें।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान सवाल-जवाब के दौरान जस्टिस गंगोपाध्याय ने टिप्पणी की भगवान अशांति बर्दाश्त नहीं कर सकते। इस टिप्पणी के जवाब में कुणाल घोष ने चुटकी लेते हुए कहा कि बंगाली में एक कहावत है- भगवान दस चक्रों में एक भूत है। इस भगवान के जादू में मत फंसो। बीजेपी, सीपीएम और कांग्रेस लोगों के मन में भगवान का भ्रम डाल रहें हैं, आपको इस पर ध्यान नहीं देना है।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह जब संदेशखाली में ईडी अधिकारियों पर हमला हुआ था तो जस्टिस गंगोपाध्याय ने ना सिर्फ इसकी निंदा की थी बल्कि वह अस्पताल जाकर घायल अधिकारियों से भी मिले थे। उन्होंने राज्य की कानून व्यवस्था पर भी सवाल उठाया था।