पंचायत चुनाव के पहले से ही कुर्मी आंदोलन सुर्खियों में है। दिन-ब-दिन, कुर्मियों का एक बड़ा वर्ग सड़कों और रेलवे को अवरुद्ध करके अपने अधिकारों के लिए आंदोलन किया था। वहीं अब कुर्मी नेता राजेश महतो ने वोट खत्म होने के बाद भी हक की लड़ाई जारी रखने का आदेश सुना दिया है। बता दें कि राजेश महतो को तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बाद में उन्हें चुनाव से एक सप्ताह पहले रिहा कर दिया गया था।
वहीं शनिवार को पत्रकारों से मुखातिब होते हुए उन्होंने कहा कि कुर्मी समाज के हक की मांग को लेकर चल रहा आंदोलन जारी रहेगा। हालांकि उन्होंने संदेश दिया कि राज्य में शांति बनाए रखी जानी चाहिए। राजेश महतो ने कहा कि अगर कहीं कोई कार्यक्रम करना है तो कुर्मी नेतृत्व की अनुमति के साथ करनी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि कुर्मी समाज के जो निर्दलीय प्रत्याशी जीते हैं, वे फिल्हाल विजय उत्सव नहीं मना सकते। उन्होंने पंचायत चुनाव के दौरान मारे गए लोगों को भी श्रद्धांजलि दी।
वहीं राजेश महतो ने ये भी कहा कि कुर्मी समाज के समर्थन से जितने भी निर्दलीय उम्मीदवारों को ग्राम पंचायत में सीटें मिली हैं, उनमें से प्रत्येक को व्यक्तिगत रूप से लोगों के विकास के लिए काम करना चाहिए जहां गतिरोध है, वहां विकास के लिए कुर्मी समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार अन्य राजनीतिक दलों के समर्थन से बोर्ड बना सकते हैं। हालांकि कुर्मी उम्मीदवार किसी का समर्थन नहीं करेंगे, ऐसा राजेश महतो ने कहा।