पुरुलिया: पुरुलिया के बाघमुंडी स्थित लहरिया शिव मंदिर में बाल विवाह को रोकने के लिये सराहनीय कदम उठाया है। बता दें कि इस मंदिर में झारखंड समेत आस-पास के इलाकों के लोग शादी करवाने के लिये आते हैं। परिजनों से पूछताछ में पता चलता है कि वर-वधू बालिग नहीं हैं। इसे देखते हुए मंदिर के सदस्यों ने इस प्रथा को रोकने के लिये बोर्ड लगाया है। मंदिर में लगे इस बोर्ड को लेकर मंदिर में आए लोगों ने काफी सराहना की। बीडीओ देवराज घोष ने भी कहा कि यह एक अच्छा कदम है। उन्होंने कहा कि बाकी जिन मंदिरों में शादियां हो रही हैं, वहां भी इसी तरह सख्ती होनी चाहिए। जानकारी के अनुसार अयोध्या पहाड़ी के ठीक नीचे स्थित इस मंदिर के बारे में लोगों का मानना है कि इस मंदिर के देवता बहुत जाग्रत हैं। यहां साल भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। श्रावण के दौरान मंदिर में विशेष रूप से भीड़ रहती है। साथ ही शादी के मौसम में मंदिर व्यावहारिक रूप से भरा होता है।
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मंदिर के सदस्यों का कहना है कि यहां काफी संख्या में लोग आते हैं। मंदिर परिसर में लगे बोर्ड में स्पष्ट उल्लेख है कि शादी के समय दोनों की उम्र का प्रमाण देना होगा। यहां तक कि शादी के वक्त दोनों पक्षों के लोगों को भी मौजूद होना होगा। इस दौरान लहरिया शिवपूजो समिति के निदेशक सेवानिवृत्त प्रधानाध्यापक निबरनचंद्र महतो ने कहा कि पहले भी कम उम्र में शादी के मामले सामने आए हैं। मामले पर समिति में चर्चा के बाद यह अधिसूचना जारी की गई है। कमेटी के एक सदस्य ने यह भी दावा किया कि अभी भी कई लोग शादी के लिए आते हैं लेकिन नोटिफिकेशन देखने के बाद खुद पीछे हट जाते हैं।
इसे लेकर जिला चाइल्ड लाइन समन्वयक मनीषा नंदी ने कहा कि यह बहुत ही सकारात्मक कदम है। अगर समाज के विभिन्न स्तरों के लोग इस तरह आगे आएं तो बाल विवाह को रोकने का काम आसान हो जाएगा। बाल विवाह रोकने में मिसाल कायम करने के लिए राष्ट्रपति से पुरस्कार पाने वाली वीना कालिंदी का घर इसी ब्लॉक में है। उन्होंने कहा कि यह देखकर अच्छा लगता है कि समाज में जागरूकता बढ़ रही है।