मकर संक्रांति के दिन गंगासागर में लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

हाड़ कंपा देने वाली ठंड पर भारी पड़ी आस्था

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कोलकाता, सूत्रकार : मकर संक्रांति का त्योहार सोमवार को देशभर में मनाया गया। मकर संक्रांति सनातन धर्म का सबसे महत्पूवर्ण त्योहार है। इस दिन स्नान, पूजा-पाठ और दान का बेहद महत्व है।

मकर संक्रांति के मौके पर गंगासागर में पुण्य स्नान का शुभ मुहूर्त शुरू होते ही सोमवार की सुबह जनसैलाब उमड़ पड़ा। हाड़ कंपा देने वाली ठंड पर आस्था भारी पड़ी और गंगासागर में लाखों श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई। इसके साथ ही कोलकाता सहित राज्य के विभिन्न गंगा घाटों पर भी भीड़ उमड़ी थी।

कोलकाता के जगन्नाथ घाट, निमतल्ला घाट, बाबूघाट, दही घाट, बाजेकदम तल्ला घाट, बाग बाजार घाट, बांधा घाट, अहिरीटोला घाट, शिवपुर घाट सहित अन्य कई गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं ने डुबकी लगायी। इन गंगा घाटों पर भी शासन-प्रशासन की ओर से चुस्त व्यवस्था की गयी थी।

राज्य सरकार के खेल मंत्री अरूप विश्वास ने बताया कि सोमवार तड़के मकर संक्रांति के अवसर पर देश भर से आये लाखों तीर्थयात्रियों ने गंगा नदी और बंगाल की खाड़ी के संगम पर पवित्र डुबकी लगाई।

उन्होंने कहा कि विशाल समुद्र तट पर फैले मेले की निगरानी लगभग 1,100 सीसीटीवी कैमरों और 22 ड्रोनों की मदद से की गई। उधर मेला क्षेत्र तीर्थयात्रियों से भरा हुआ था। आपको बता दें कि यह वहीं, स्थान है जहां त्रेता युग में जिस सागर तट पर स्वर्ग से उतरीं मां गंगा ने राजा सगर के साठ हजार पुत्रों को मकर संक्रांति पर स्पर्श कर मोक्ष प्रदान किया था।

मकर संक्रांति पर पुण्य स्नान का शुभ मुहूर्त सोमवार सुबह 7:19 शुरू हुआ था। यह दोपहर 12.30 बजे तक रहा। पुण्य स्नान की कुल अवधि 5.30 घंटे की थी। महापुण्य स्नान की कुल अवधि एक घंटा 43 मिनट बताई गई थी। मगर सबेरे छह बजे से ही श्रद्धालुओं ने गंगा और सागर के संगम पर डुबकी लगानी शुरू कर दी थी।

कपिल मुनि आश्रम के महंत ज्ञानदास ने बताया कि रविवार रात से ही मकर संक्रांति शुरू हो गई थी। सोमवार सुबह छह बजे से देश-दुनिया से पहुंचे लाखों लोगों के अलावा नागा और अन्य साधुओं ने मोक्ष की आस में डुबकी लगायी।

सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए

मकर संक्रांति पर्व को देखते हुए गंगा सागर मेला क्षेत्र में कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है। पुलिस, सिविल डिफेंस, होमगार्ड सहित नेवी और कोस्ट गार्ड के 10 हजार से ज्यादा जवान चारों तरफ अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं। जिला प्रशासन के अनुसार, इस साल 35 लाख से अधिक श्रद्धालु सागर तट पर स्नान करने पहुंचे और आस्था की डुबकी लगाई।