लालन की पत्नी का दावा- मेरी मौजूदगी में ही दर्ज हुई एफआईआर

दूसरी बार पोस्टमार्टम से परिवार का इनकार

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कोलकाता/बीरभूम : रामपुरहाट स्थित सीबीआई के अस्थायी कैंप में बगटुईकांड के मुख्य आरोपी लालन शेख की मौत के मामले में दर्ज एफआईआर को लेकर सीबीआई के आरोपों का खुद लालन की पत्नी रेशमा बीबी ने खंडन किया।

रेशमा बीबी ने गुरुवार को दावा किया कि उसकी मौजूदगी में ही एफआईआर दर्ज की गयी है। गौरतलब है कि बुधवार को एफआईआर को चैलेंज करते हुए सीबीआई ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सीबीआई ने आरोप लगाया था कि एफआईआर करवाने में राज्य की बड़ी भूमिका है।

इसी आरोप पर गुरुवार को रेशमा बीबी ने अपना बयान दिया। इसके साथ ही रेशमा ने शव का दोबारा से पोस्टमार्टम करवाने से इनकार कर दिया है। हालांकि बुधवार को ही प्राथमिक तौर पर दूसरी बार पोस्टमार्टम करवाने के आदेश को हाईकोर्ट ने बाद में स्थगित कर दिया था।

अस्वस्थता के कारण दूसरे से लिखवाई एफआईआर

लालन शेख की पत्नी रेशमा बीबी का दावा है कि वह बीमार थी। इस वजह से उसने दूसरे से एफआईआर लिखवाया था लेकिन एफआईआर लिखवाते वक्त वह वहीं पर थी।

उसके सामने ही सबकुछ किया गया। इसके साथ ही एक बार फिर रेशमा ने सीबीआई पर आरोप लगाया। उसका आरोप है कि उसके पति को जान से मारने की धमकी दी जा रही थी।

उसे मारकर इस मामले में शामिल प्रभावशाली का नाम जानना चाहते थे सीबीआई अधिकारी। हालांकि कौन था वो प्रभावशाली, इसको लेकर रेशमा के पास कोई जवाब नहीं है। रेशमा का ये भी आरोप है कि उसके पति को शारीरिक तौर पर प्रताड़ित किया था।

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रेशमा का दावा है कि खुद लालन ने कोर्ट लॉकआप में रोते- रोते उसे ये बात बतायी थी। इसके साथ ही लालन ने उसे सुशांत भट्टाचार्य का नाम भी बताया था।

आपको बता दें कि ये सुशांत भट्टाचार्य मवेशी तस्करी मामले के जांच अधिकारी है, जिसका नाम एफआईआर में दर्ज है और इसी नाम को लेकर सीबीआई ने कई सवाल उठाये हैं। रेशमा का आरोप है कि उसके पति को बड़ी निर्दयता से मौत के घाट उतारा गया है। उसने कोर्ट से न्याय की गुहार लगायी है।

पहले सीआईडी जांच, बाद में होगा निर्णय

दूसरी बार पोस्टमार्टम के प्राथमिक निर्देश जिसे बाद में हाईकोर्ट ने खुद ही स्थगित कर दिया था, उस पर रेशमा बीबी ने साफ तौर पर कहा है कि दूसरी बार पोस्टमार्टम नहीं करने दिया जायेगा।

पहले सीआईडी जांच हो और असली रहस्य सामने आये। इसके बाद ही फैसला लिया जायेगा। वह कब्र से शव निकालने नहीं देगी। गौरतलब है सीबीआई कस्टडी में लालन शेख की मौत के मामले में 7 सीबीआई अधिकारियों पर दर्ज एफआईआर के खिलाफ सीबीआई ने बुधवार को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

सीबीआई ने राज्य पुलिस के एफआईआर को चैलेंज कर हाईकोर्ट से मामले की सुनवाई का आवेदन किया था, जिसकी सुनवाई बुधवार को ही हुई। सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने लालन शेख की मौत की घटना को दु:खजनक बताया था। न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के बाद निर्देश दिया था कि मामले की जांच का जिम्मा सीआईडी के हाथ में ही रहेगी।

मगर, एफआईआर नामजद 7 सीबीआई अधिकारियों के खिलाफ कोई कड़े कदम यानी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जायेगी। इसके साथ ही अदालत ने मृतक की पत्नी को भी मामले में शामिल करने का आदेश दिया है।