कोलकाता: राज्य में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि इस बजट में चाय श्रमिकों को वंचित किया गया है। उन्होंने कहा कि इस बजट में गलत बयानबाजी है। वोट से पहले झूठ बोला गया है। सरकार केवल भत्ता बढ़ाकर वोट खरीदने का प्रयास कर रही है। राज्य जो भी घोषणा की है, उसके बावजूद राज्य और केंद्र के डीए के बीच कम से कम 40 प्रतिशत का अंतर होगा। वह भी बढ़ा हुआ डीए चुनाव के बाद उनके (ममता) द्वारा दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बजट में पेट्रोल, डीजल पर किसी छूट का कोई जिक्र नहीं है। एलपीजी सिलेंडर पर राज्य 300 रुपये का टैक्स लगाती है। राजस्थान ने दी है 200 रुपये की छूट हमने सोचा था कि राज्य सरकार सिलेंडर पर कुछ रियायत देगी, हालांकि राजस्थान जितनी नहीं। कुछ नहीं दिया।
विपक्षी दल के नेता ने इस बात पर व्यंग्य किया कि बजट में अल्पसंख्यकों के लिए भी कोई आवंटन नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन अल्पसंख्यकों ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में वोट दिया, उनके विकास के लिए बजट में कोई घोषणा नहीं है। उनको अंगूठे दिखाए गए हैं। इस बजट में आदिवासियों, लेप्चा, भूटिया की भी उपेक्षा की गई है। बजट में अस्पतालों और शिक्षा के लिए कोई आवंटन नहीं है। उन्होंने दावा किया कि बजट में आय और व्यय के बीच कोई संतुलन नहीं है।