अघोषित गठबंधन में लेफ्ट-कांग्रेस का संयुक्त जुलूस

नियुक्ति भ्रष्टाचार से लेकर केंद्र सरकार की तानाशाही का किये विरोध

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कोलकाता: बंगाल में नियुक्ति भ्रष्टाचार और केंद्र सरकार की तानाशाही के विरोध में वाममोर्चा और कांग्रेस ने बुधवार को महानगर कोलकाता में एक साथ जुलूस निकाला।

यूं तो विछले विधानसभा चुनाव से ही लेफ्ट और कांग्रेस के बीच एक अघोषित गठबंधन बना हुआ है लेकिन बंगाल में आगामी पंचायत चुनाव से पहले लेफ्ट और कांग्रेस के बीच राजनीतिक रिश्ता और भी मजबूत होता दिख रहा है।

इसी क्रम में बुधवार को बंगाल में नियुक्ति में भारी भ्रष्टाचार और मोदी सरकार की तानाशाही के खिलाफ लेफ्ट और कांग्रेस ने एक दूसरे का दामन थाम लिया है।

इस दिन वाम मोर्चा की तरफ से मौलाली के रामलीला मैदान से जुलूस निकला गया। वहीं, कांग्रेस ने प्रदेश कांग्रेस भवन से विभिन्न मुद्दों पर अलग  रैली निकाली लेकिन अचानक पार्क सर्कस से वाम मोर्चा और कांग्रेस दोनों ने एक होकर जुलूस को आगे बढ़ाया।

सीपीएम के राज्य सचिव मो. सलीम ने इस जुलूस को ‘ऐतिहासिक’ बताया। उन्होंने कहा कि तृणमूल और बीजेपी के सभी लोग आज एक साथ चल रहे हैं। बीजेपी और तृणमूल के दलालों को छोड़कर आज हर कोई सड़क पर विरोध कर रहा है। सलीम ने कहा कि केंद्र सरकार की मनमानी और राज्य सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ इस तरह का जुलूस कोलकाता में एक नया इतिहास रचा है।

वहीं, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता आशुतोष चट्टोपाध्याय ने कहा, पूरे देश में लोकतंत्र को खत्म किया जा रहा है। हम सब एक ही मुद्दे पर लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेस की ओर से रैली निकाली गयी।

इधर, वाम मोर्चा नेतृत्व ने दावा किया कि इस दिन कोलकाता में आयोजित जुलूस में तृणमूल और बीजेपी दोनों खेमों को निशाना बनाया गया। जिस तरह केंद्र सरकार घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ा रही है, उसका विरोध होगा। उसी तरह कोलकाता में बिजली की कीमतों में बढ़ोतरी पर भी आवाज बुलंद की जायेगी। इसके अलावा, भर्ती भ्रष्टाचार से लेकर बढ़ती बेरोजगारी तक हर चीज के लिए सीपीएम ने रैली से तृणमूल सरकार पर निशाना साधा।

दूसरी ओर, राहुल गांधी के मुद्दे पर कांग्रेस ने रैली से केंद्र की आलोचना की। साथ ही प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व ने ममता सरकार के खिलाफ भी आवाज उठायी।