गैंगस्टर एक्ट में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा

मुख्तार अंसारी जमीन कब्जाने, मर्डर और वसूली समेत 49 आपराधिक मामलों के संबंध में ईडी के घेरे में

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लखनउ । गैंगस्टर एक्ट में माफिया डॉन मुख्तार अंसारी और भीम सिंह पर दोष सिद्ध हो गया है। इस मामले में दोनों पक्षों के वकीलों के बकस करने के बावजुद फैसला मुख्तार अंसारी के खिलाफ गया। बता दें कि गाजीपुर गैंगस्टर कोर्ट में बहस चली। कोर्ट ने अपने फैसले में मुख्तार अंसारी को 10 साल की जेल और पांच लाख रूपए के जुर्माने की सजा सुनाई है।

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इससे पहले कल यानि बुधवार को ईडी ने मुख्तार अंसारी को गिरफ्तार किया था। यह गिरफ्तारी पीएमएलए के तहत की गई थी। वहीं प्रयागराज कोर्ट में मुख्तार को पेश कर ईडी ने कस्टडी रिमांड मांगी थी।

इससे पहले भी केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी पीएमएलए के तहत अंसारी और उनके करीबियों के ठिकानों पर छापा मारी जा चुकी है। ज्ञात रहे कि पुराने आपराधिक मामलों के चलते इस समय मुख्तार यूपी की बांदा जेल में बंद हैं। ईडी ने पिछले साल मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अंसारी से पूछताछ की थी। इससे पहले मुख्तार अंसारी के रिश्तेदार आतिफ रजा को गिरफ्तार किया गया था। अंसारी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला यूपी पुलिस द्वारा दर्ज किए गए एफआईआर से निकला है। इसके अलावा विकास कंसट्रक्शंस नामक कंपनी के खिलाफ दो प्राथमिकियां दर्ज की गई थीं, जिसे अंसारी की पत्नी व आतिफ रजा समेत दो रिश्तेदार व अन्य लोग चला रहे थे।

गौरतलब है कि मुख्तार अंसारी जमीन कब्जाने, मर्डर और वसूली समेत कम से कम 49 आपराधिक मामलों के संबंध में ईडी की जांच के घेरे में हैं। वह हत्या के प्रयास और हत्या समेत कई मामलों में यूपी में मुकदमों का सामना कर रहे हैं। वहीं राजनीतिक सफर की बात करे तो मुख्तार अंसारी ने 1996 में पहली बार बसपा के टिकट पर मऊ विधानसभा से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल कर विधानसभा पहुंचे। मऊ विधानसभा क्षेत्र में वह लगातार तीन चुनाव जीत चुके है।